छत्तीसगढ़ के सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) अव्यवस्था के बुरे दौर से गुजर रहे हैं. सरगुजा में की गई पड़ताल में पाया गया है कि तकरीबन हर ITI में छात्र संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं. 3 कंप्यूटरों में एक ही समय में 20 या ज्यादा छात्र ट्रेनिंग लेने के लिए विवश हैं, इसलिए सिर्फ थ्योरी पढ़ रहे हैं.
अंबिकापुर में ही 1964 में शुरू हुए ITI में लगी मशीनें 60 साल पुरानी हैं. इनमें से 40% तो वर्षों पहले से बंद रहने के कारण कबाड़ हो गईं, 60% चालू हैं, लेकिन तकनीक अपडेट नहीं है. प्रदेश के तकरीबन सभी ITI के इस हाल को देखते हुए शासन ने स्माल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक (सिडबी) से ₹500 करोड़ का लोन लेने की प्रक्रिया शुरू की है. प्रदेश के सभी 190 ITI से उनकी डिमांड मांगी गई है, ताकि छात्रों को बेहतर प्रशिक्षण दिलवाया जा सके. लगभग सभी ने अपनी डिमांड भेज दी है.
इधर पड़ताल में पता है चला है कि सिर्फ सरगुजा के 5 जिलों में 36 सरकारी ITI हैं. इनमें 4 हजार छात्र अलग-अलग ट्रेड में ट्रेनिंग ले रहे हैं. यहां सबसे अधिक समस्या कंप्यूटर प्रशिक्षण विभाग में है, जहां छात्र ज्यादा हैं और कंप्यूटर बेहद कम हैं.
जो 60% मशीनें चालू हैं, उनकी मरम्मत भी अब मुश्किल हो गई है, क्योंकि ये इतनी पुरानी हैं कि पार्ट्स भी नहीं मिलते हैं. जानकारों के मुताबिक इसी का परिणाम है कि अधिकांश ITI में कई ट्रेड में मशीनों को ऑपरेट करने का प्रशिक्षण लेने के बाद जब छात्रों को कंपनियों में जाॅब मिलता है और नई मशीनें सामने लाई जाती हैं, तब उन्हें उनकी ट्रेनिंग की जरूरत पड़ रही है. इस वजह से जाॅब भी नहीं मिल रहे हैं.
टाटा टेक्नोलॉजी ने भी प्रदेश के 36 सरकारी ITI को अपग्रेड करने का फैसला किया है. इनमें बैकुंठपुर, ओड़गी, वाड्रफनगर, मैनपाट, बगीचा, लोरमी, कोनी-बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर, अकलतरा, हसौद, रायगढ़, खरसिया, राजनांदगांव, डोंगरगांव, मानपुर, छुईखदान, पंडरिया, गुंडरदेही, दल्लीराजहरा, गुरुर, दुर्ग, पाटन, धरसीवा, हीरापुर, आरंग, अभनपुर, भाटापारा, सिमगा, बागबाहरा, पिथौरा, कांकेर, अंतागढ़, चारामा, नगरनार और दंतेवाड़ा ITI हैं.
ITI के संयुक्त संचालक ने सरगुजा के 36 ITI के प्राचार्य को एक पत्र लिखकर कहा कि वे अपने जिलों के कलेक्टर से DMF या अन्य CSR मद से संसाधन मांगने पत्र लिखें. ITI ने 30 से 50 लाख के उपकरण-संसाधनों की जरूरत बताई. कलेक्टरों ने कह दिया कि DMF की राशि से कंप्यूटर या दूसरा सामान खरीदने की मंजूरी मुख्य सचिव की सहमति के बिना नहीं दे सकते. तब से मामला अटका है.
रोजगार प्रशिक्षण के संचालक अवनीश शरण ने बताया, छत्तीसगढ़ के सभी ITI के लिए सिडबी से 500 करोड़ की सहायता मांगी है. इसके लिए वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है.