फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में सरकार एक्शन मोड में है. गुरुवार को अफसरों को मुख्य सचिव ने तलब किया. विधानसभा के कमरे में ही हाई लेवल मीटिंग हुई. खुद चीफ सेक्रेटरी अमिताभ जैन ने विभाग के अफसरों से पूछा- फर्जी कास्ट सर्टिफिकेट मामलों पर क्या कर रहे हैं? चर्चा है कि 16 विभागों के सचिवों से रिपोर्ट ली गई. जैन ने सभी सचिवों को कड़े शब्दों में कह दिया है कि खुद विभागवार इस मामले को देखें, मुझे बताएं.
दरअसल हाल ही में रायपुर में युवकों के गुट ने नग्न प्रदर्शन किया था. हाथ में फर्जी जाति प्रमाण से नौकरी पाने वालों पर कार्रवाई की मांग लिखी तख्ती थी. इन युवकों के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था. विधानसभा जाने के लिए जब मंत्री निकले तो उनके काफिलों के सामने इन युवकों ने प्रदर्शन किया. इस केस में 29 युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार जेल तो भेज दिया, मगर ये मामला प्रशासनिक किरकिरी की वजह बन गया.
अब अफसरों से कहा गया है कि हाईकोर्ट में लंबित मामलों में फौरन जवाब दें, स्टे वाले मामलों की लेटेस्ट स्थिति देखकर केस खत्म करें, सम्बंधितों पर कार्रवाई करें. अफसरों ने बताया कि ऐसे फर्जी पाए गए 269 लोगों पर कार्रवाई के संबंध में राज्य शासन द्वारा संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए वर्ष 2020 में पत्र जारी किया गया था. इसमें से करीब 40 लोगों को बर्खास्त किया जा चुका है. कुछ के प्रकरण में कार्रवाई प्रक्रियाधीन है, जबकि ज्यादातर प्रकरणों में हाईकोर्ट से स्टे है. कुछ कर्मचारियों की मृत्यु हो गई है. मुख्य सचिव ने सभी मामलों की ताजा रिपोर्ट मांगी है.
जीएडी, ट्राइबल, राजस्व, स्वास्थ्य, इरीगेशन, महिला बाल विकास, समाज कल्याण, पंचायत, गृह, ऊर्जा, उच्च शिक्षा, कृषि, वन , सहकारिता, स्कूल शिक्षा व खाद्य विभाग में फर्जी जाति प्रमाण पत्र देकर कर्मचारी काम कर रहे हैं. इन सभी की जानकारी मुख्य सचिव को दी गई है. अब माना जा रहा है कि जल्द ही सभी को बर्खास्त करने की कार्रवाई होगी.
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय व विक्रम उसेंडी, पूर्व सांसद रामविचार नेताम, पूर्व मंत्री डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप, महिला मोर्चा राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य लता उसेंडी, अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम, अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नवीन मार्कण्डेय की ओर से एक साझा बयान जारी किया गया है.
इसमें इन नेताओं ने कहा है कि प्रदेश सरकार के खिलाफ युवाओं का पूर्णत: नग्न प्रदर्शन छत्तीसगढ़ को शर्मसार करने वाली घटना है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ युवाओं का आक्रोश अब इस स्तर तक पहुंचकर फूटा है. अपने संयुक्त वक्तव्य में भाजपा नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार के खिलाफ छत्तीसगढ़ और पूरे देश में ऐसा प्रदर्शन पहले कभी नहीं हुआ. सरकार ने यदि समय रहते फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए नौकरी के इन मामलों में कार्रवाई की होती तो छत्तीसगढ़ महतारी के युवा पुत्रों को इस तरह शर्मनाक प्रदर्शन करने की नौबत नहीं आती.
भाजपा के नेताओं ने मांग की है कि राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ हुए नग्न प्रदर्शन की घटना पर संज्ञान लेकर आवश्यक वैधानिक पहल करने और प्रदेश की सरकार को तत्काल बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश करें. इस सरकार को तत्काल बर्खास्त कर छत्तीसगढ़ में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए. युवाओं की मांग पर संवेदनशीलता के साथ विचार करते हुए उसका शीघ्र निराकरण किया जाए व फर्जी प्रमाण पत्र धारियों के खिलाफ FIR कराई जाए. इस दु:खद मामले की उपेक्षा करने वाले शासन-प्रशासन के लोगों की जिम्मेदारी तय हो और उन्हें भी दंडित किया जाए. यह घटना छत्तीसगढ़ में युवाओं की संभावनाओं का चीरहरण है.