भूपेश बघेल अंबेडकर अस्पताल के अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम में आयोजित सद्गुरू कबीर स्मृति महोत्सव में शामिल हुए. यहां सीएम ने मंच से कहा, सुख की खोज हमारे देश में हमारे संत महात्मा ऋषि मुनि विद्वानों ने की और जितने संत महापुरुष हिंदुस्तान में है उतने कहीं नहीं. इसी कारण से अनेक पंथ संप्रदाय विचारधारा आपको भारत में मिलेंगे. सीएम ने कहा कि भक्ति का जो आंदोलन चला वह हमारे लिए भक्तिकाल था. जिसमें अनेक भक्ति काल के संत हुए हमको एक नई दिशा दे गए.
भक्ति काल के संत इंसानों को ईश्वर के समक्ष खड़ा कर दिया. लेकिन समस्या वहीं से शुरू होती है. जब आप सीमित चीजों में सुख खोजेंगे. तो आपको सीमित समय के लिए सुख मिलेगा, जब असीमित चीजों से वस्तु से आप सुख हो जाएंगे तो आपको सुख उसमें मिलेगा. हमारी समस्या दो प्रकार की होती है तन और मन की, तन बीमार पड़ जाए तो हम दवाई ले लेते हैं लेकिन मन बीमार हो जाए तो तो उसको नापने की कोई मशीन नहीं है. मन की समस्या और बीमारी है उसको दूर करना हो तो गुरुजनों के पास जाना होता है.
कबीर का बड़ा प्रभाव छत्तीसगढ़ में रहा है कबीर की जुबानी छत्तीसगढ़ के कण कण में बसा है. इसीलिए सबसे ज्यादा कबीर पंथी हमारे छत्तीसगढ़ में है. यही कारण से यहां के लोग कम चीजों में संतुष्ट होने वालों में से हैं, और उनके जीवन में सरलता और सहजता है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंच से आगे कहा, छत्तीसगढ़ को पहले नक्सलियों के नाम से जाना जाता था. लोग पहले सोचते थे या तो लोग यहां पर कोयला खदान या फिर अन्य खदानों के नाम से जानते थे. लेकिन छत्तीसगढ़ में बहुत कुछ है. यहां राम, बुद्ध , कबीर मिलेंगे. इसलिए हमारा दायित्व है जो छत्तीसगढ़ में है उसे दुनिया के सामने लाएं.