गरीबों के आवास मामले पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिठ्ठी लिखकर केंद्रांश की राशि जारी करने की मांग की है. प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने अवगत कराया है कि स्थायी प्रतीक्षा सूची में शामिल लगभग सात लाख परिवारों और राज्य सरकार के सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023 में पाए गए परिवारों को राज्य सरकार ने आवास योजना का लाभ दिलाने राज्यांश की राशि जारी करने का निर्णय ले लिया है, लेकिन केंद्रांश जारी नहीं होने की स्थिति में मकान निर्माण का काम शुरू नहीं हो पा रहा है. इसका खामियाजा गरीब परिवारों को भुगतना पड़ रहा है. योजना के अंतर्गत स्थायी प्रतीक्षा सूची में शामिल छह लाख 99 हजार 439 परिवारों के साथ-साथ, राज्य सरकार के सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023 में पाए गए 47 हजार 090 परिवारों को आवास निर्माण के लिए अभी तक केंद्रांश की राशि प्राप्त नहीं हो पाई है.
मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि तीन जुलाई -2023 को PM आवास योजना के संबंध में स्थायी प्रतीक्षा सूची में शामिल परिवारों के साथ-साथ, आवास प्लस के आठ लाख 19 हजार, 999 परिवारों के लिए राज्य सरकार को लक्ष्य प्रदान करने का अनुरोध किया गया था. साथ ही वर्ष 2021-22 के लिए आवंटित सात लाख, 81 हजार 999 आवास के लक्ष्य को भारत सरकार द्वारा वापस लेने की जानकारी दी गई थी. राज्य सरकार द्वारा किए गए इस अनुरोध पर भारत सरकार की गई कार्यवाही से आजतक अवगत नहीं कराया गया है.
मुख्यमंत्री ने यह भी अवगत कराया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2011 में जनगणना के आधार पर स्थायी प्रतीक्षा सूची तैयार की थी. इसके बाद वर्ष 2018 में आवास प्लस की सूची तैयार की गई, जिसमें स्थायी प्रतीक्षा सूची के अलावा आठ लाख 19,999 परिवार पात्र पाए गए. प्रत्येक 10 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना/BPL सर्वेक्षण कराया जाता रहा है, जो कि अभी तक नहीं कराया गया है.