साय ने कहा कि, तातापानी महोत्सव की शुरुआत रमन सरकार के कार्यकाल के दौरान 2012 में की गई थी. अब यह आयोजन भव्य होने लगा है. CM ने रघुनाथनगर में नए कॉलेज भवन और डीपाडीह में नए पुलिस चौकी भवन बनाने की घोषणा की.
गर्म जल स्रोत तातापानी में इस मेले की शुरुआत करीब 50 साल पहले हुई थी. इसके बाद से ही मेले का स्वरूप बढ़ता चला गया. शनिवार को तपेश्वरधाम में विधि विधान से साथ पुजारी भारदुल तिवारी ने पूजा-अर्चना कराई. इसके बाद अब रविवार को CM इसकी औपचारिक शुरुआत की. 16 जनवरी तक यह मेला चलेगा.
तातापानी जो प्राकृतिक रूप से निकलते गरम पानी के लिए प्रदेशभर में प्रसिद्ध है. यहां के कुण्ड और झरनों में बारह माह गरम पानी रहता है. ऐसी मान्यता है कि सीता मां के हाथ से कटोरे में रखा गर्म तेल छलक गया था. इसके बाद जहां जहां तेल की बूंदें पडी वहां से गरम पानी धरती से फूटकर निकलने लगा.
होंगे कई आयोजन, इंडियाज गॉट टैलेंट के विजेता देंगे प्रस्तुति
- पहले दिन लोक कलाकार सुनील सोनी और अबुझमाड़ मलखंभ की प्रस्तुति 14 जनवरी को होगी.
- 15 जनवरी को प्रसिद्ध गायक उदित नारायण संध्याकाल में प्रस्तुति देंगे.
- 16 जनवरी के अंतिम दिन दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ और आम्रपाली दुबे का सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा.
- ट्राईबल फैशल वॉक का आयोजन 16 जनवरी को किया जाएगा.
- स्थानीय छात्र-छात्राएं प्रतिदिन कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे.
मकर संक्रांति के अवसर पर रविवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर में पतंग उत्सव की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने पतंग भी उड़ाई, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल चकरी थामे दिखे. पुरखौती मुक्तांगन में शुरू हुए इस उत्सव में 12 राज्यों से पतंगबाज पहुंचे हैं.
सीएम ने मकर संक्रांति, पोंगल, गुड़ीपड़वा और लोहड़ी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, यह पर्व भगवान सूर्य की उपासना करने का पर्व है. पिछले 1 महीने तक खरमास चल रहा था आज से शुभ कार्य शुरू होंगे.
संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, आज से अयोध्या में प्रभु रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू हो रहा है. आज गुजराती, तेलुगू, महाराष्ट्रियन, सिक्ख, मारवाड़ी सहित कई समाज मिलकर पतंग उत्सव मना रहे हैं. यह देश की एकता और अखण्डता का प्रतीक है.
इससे पहले CM साय ने रायपुर के राम मंदिर में झाड़ू पकड़कर सफाई की. इस दौरान सांसद सोनी और मंत्री बृजमोहन अग्रवाल समेत कई लोग मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने कहा कि, अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है. हम अभी राम मंदिर में सफाई और सेवा कार्य करके आ रहे हैं. आप सभी लोगों से भी निवेदन है कि धार्मिक स्थलों की सफाई और पूजन करें.
स्थानीय भाषा में ताता पानी का अर्थ गर्म पानी होता है. यहां गर्म जल के कई कुंड हैं. इनमें से गर्म जल निकलता है. आसपास के तालाबों में भी गर्म पानी रहता है. यहां के शिव मंदिर में वर्षों पुरानी मूर्ति स्थापित है. ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व से जुड़े तातापानी में स्थापित भोलेनाथ की प्रतिमा लगभग 80 फीट ऊंची है. नीचे मंदिर में सुंदर परिक्रमा पथ है. यहीं विशाल कक्ष में बारह ज्योतिर्लिंग की प्रतिकृति एक साथ स्थापित किए गए हैं.
तातापानी के जमीन में भारी मात्रा में सल्फर पाया जाता है, जिसके कारण वहां की जमीन का पानी गर्म हो जाता है. इस गर्म पानी के रहस्य को जानने के लिए देश और विदेशों से वैज्ञानिक भी आ चुके हैं। पानी में सल्फर की मात्रा अधिक होने के कारण यहां के पानी से चर्म रोग ठीक होते हैं. स्थानीय लोग तो यह भी दावा करते हैं कि कुंडों में पानी इतना गर्म रहता है कि उसमें अंडा भी उबल जाता है।.
बलरामपुर जिले के तातापानी में रविवार को संक्रांति परब 2024 का उद्घाटन मुख्यमंत्री विष्णदेव साय ने किया. उन्होंने मंत्रियों के साथ पतंग उड़ाते हुए महोत्सव की शुरुआत की. साथ ही घोषणा करते हुए कहा कि, तातापानी की मान्यता भगवान राम एवं माता सीता से जुड़ी है. पूरे क्षेत्र को विकसित कर राममय करेंगे.
साय ने कहा कि, तातापानी महोत्सव की शुरुआत रमन सरकार के कार्यकाल के दौरान 2012 में की गई थी. अब यह आयोजन भव्य होने लगा है. CM ने रघुनाथनगर में नए कॉलेज भवन और डीपाडीह में नए पुलिस चौकी भवन बनाने की घोषणा की.
गर्म जल स्रोत तातापानी में इस मेले की शुरुआत करीब 50 साल पहले हुई थी. इसके बाद से ही मेले का स्वरूप बढ़ता चला गया. शनिवार को तपेश्वरधाम में विधि विधान से साथ पुजारी भारदुल तिवारी ने पूजा-अर्चना कराई. इसके बाद अब रविवार को CM इसकी औपचारिक शुरुआत की. 16 जनवरी तक यह मेला चलेगा.
तातापानी जो प्राकृतिक रूप से निकलते गरम पानी के लिए प्रदेशभर में प्रसिद्ध है. यहां के कुण्ड और झरनों में बारह माह गरम पानी रहता है. ऐसी मान्यता है कि सीता मां के हाथ से कटोरे में रखा गर्म तेल छलक गया था. इसके बाद जहां जहां तेल की बूंदें पडी वहां से गरम पानी धरती से फूटकर निकलने लगा.
होंगे कई आयोजन, इंडियाज गॉट टैलेंट के विजेता देंगे प्रस्तुति
- पहले दिन लोक कलाकार सुनील सोनी और अबुझमाड़ मलखंभ की प्रस्तुति 14 जनवरी को होगी.
- 15 जनवरी को प्रसिद्ध गायक उदित नारायण संध्याकाल में प्रस्तुति देंगे.
- 16 जनवरी के अंतिम दिन दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ और आम्रपाली दुबे का सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा.
- ट्राईबल फैशल वॉक का आयोजन 16 जनवरी को किया जाएगा.
- स्थानीय छात्र-छात्राएं प्रतिदिन कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे.
मकर संक्रांति के अवसर पर रविवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर में पतंग उत्सव की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने पतंग भी उड़ाई, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल चकरी थामे दिखे. पुरखौती मुक्तांगन में शुरू हुए इस उत्सव में 12 राज्यों से पतंगबाज पहुंचे हैं.
सीएम ने मकर संक्रांति, पोंगल, गुड़ीपड़वा और लोहड़ी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, यह पर्व भगवान सूर्य की उपासना करने का पर्व है. पिछले 1 महीने तक खरमास चल रहा था आज से शुभ कार्य शुरू होंगे.
संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, आज से अयोध्या में प्रभु रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू हो रहा है. आज गुजराती, तेलुगू, महाराष्ट्रियन, सिक्ख, मारवाड़ी सहित कई समाज मिलकर पतंग उत्सव मना रहे हैं. यह देश की एकता और अखण्डता का प्रतीक है.
इससे पहले CM साय ने रायपुर के राम मंदिर में झाड़ू पकड़कर सफाई की. इस दौरान सांसद सोनी और मंत्री बृजमोहन अग्रवाल समेत कई लोग मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने कहा कि, अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है. हम अभी राम मंदिर में सफाई और सेवा कार्य करके आ रहे हैं. आप सभी लोगों से भी निवेदन है कि धार्मिक स्थलों की सफाई और पूजन करें.
स्थानीय भाषा में ताता पानी का अर्थ गर्म पानी होता है. यहां गर्म जल के कई कुंड हैं. इनमें से गर्म जल निकलता है. आसपास के तालाबों में भी गर्म पानी रहता है. यहां के शिव मंदिर में वर्षों पुरानी मूर्ति स्थापित है. ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व से जुड़े तातापानी में स्थापित भोलेनाथ की प्रतिमा लगभग 80 फीट ऊंची है. नीचे मंदिर में सुंदर परिक्रमा पथ है. यहीं विशाल कक्ष में बारह ज्योतिर्लिंग की प्रतिकृति एक साथ स्थापित किए गए हैं.
तातापानी के जमीन में भारी मात्रा में सल्फर पाया जाता है, जिसके कारण वहां की जमीन का पानी गर्म हो जाता है. इस गर्म पानी के रहस्य को जानने के लिए देश और विदेशों से वैज्ञानिक भी आ चुके हैं। पानी में सल्फर की मात्रा अधिक होने के कारण यहां के पानी से चर्म रोग ठीक होते हैं. स्थानीय लोग तो यह भी दावा करते हैं कि कुंडों में पानी इतना गर्म रहता है कि उसमें अंडा भी उबल जाता है।.