₹2000 के नोट को धीरे-धीरे चलन से बाहर करने के केंद्र सरकार के निर्णय के बाद भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ₹2000 की नोटबंदी करना, नोटबंदी की असफलता का प्रमाण है, वहीं भाजपा ने इस आरोप पर जबाव दिया है कि भ्रष्टाचारियों को ₹2000 का नोट बंद होना रास नहीं आएगा. इससे आम जनता के लिए कोई दिक्कत नही है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि नोटबंदी की असफलता के बाद एक बार फिर ₹2000 के नोट को बंद करने का निर्णय आम जनता के लिए परेशानी का सबब बनेगा. यह निर्णय घातक और आत्मघाती कदम है. पहले ही नोटबंदी के जख्मों का घाव भरा नहीं है, जिस दौरान नोटबंदी किया गया और ₹2000 के नोटों को चलन में लाया गया, तभी कहा गया था ₹2000 के नोट से भ्रष्टाचार बढ़ेदा और नोटबंदी का दुष्परिणाम आज देश भुगत रहा है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि आरबीआइ के फैसले पर आम जनता के पास पर्याप्त 127 दिन का समय है. ऐसे में जनता के लिए किसी प्रकार की असुविधा वाली कोई स्थिति नहीं है. यह फैसला उन लोगों के लिए दिक्कत भरा जरूर होगा, जो अभी भी कैश के रूप में काला धन जमा करके रखते हैं और देश की अर्थव्यवस्था को खोखला करते हैं. देश के विकास में बाधा बनते हैं. आतंकवादी, नक्सली गतिविधि या गलत उद्देश्य से पैसा जमा करने वालों के लिए यह फैसला परेशानी लेकर आएगा.