छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का चेहरा जल्द ही सामने होगा. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि तीन दिन के अंदर CM को लेकर फैसला हो जाएगा. पर्यवेक्षक जल्द ही विधायकों की बैठक लेंगे. वहीं दूसरी ओर जीतने वाले तीनों सांसदों अरुण साव और गोमती साय ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.
प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव लोरमी और गोमती साय पत्थलगांव विधानसभा सीट से निर्वाचित हुई हैं. भाजपा ने विधानसभा चुनाव में 4 सांसदों को उतारा था, इनमें से सिर्फ विजय बघेल को ही हार का सामना करना पड़ा. चर्चा है कि 8 दिसंबर को विधायक दल की बैठक हो सकती है और 10 दिसंबर को शपथ ग्रहण हो सकता है.
सीतापुर विधानसभा सीट से मंत्री अमरजीत को हराकर पहली बार विधायक बने पूर्व सैनिक रामकुमार टोप्पो बुधवार को विधानसभा पहुंचे. उन्होंने कहा कि, जनता शुरू से मेरे साथ थी. जनता चुनाव लड़ रही थी, इसलिए मैं जीत गया. अमरजीत भगत की हार पर मूंछ मुंडवाने वाली बात पर कहा कि उन्हें मुकरना नहीं चाहिए. कमिटमेंट किया है तो मुड़वाना चाहिए.
बेमेतरा जिले की साजा सीट से चुने गए भाजपा विधायक ईश्वर साहू बुधवार को विधानसभा पहुंचे. उन्होंने विधानसभा की चौखट पर घुटने टेके फिर माथा रखकर प्रणाम किया. इसके बाद अंदर गए। एक रिक्शा चालक से विधायक बने ईश्वर साहू ने 8 बार विधायक रहे और मंत्री रविंद्र चौबे को 5196 वोटों शिकस्त दी है. दंगों में उन्होंने अपना बेटा खोया, इसके बाद भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया था.
रमन ने लिखा है कि, कुछ सूत्रों से जानकारी मिली है कि प्रदेश के कुछ अधिकारी महत्वपूर्ण फाइलों को बैक डेट में स्वीकृत कर रहे हैं. ऐसे अधिकारियों को अनुचित कार्य से बचने की सलाह भी दी है. वहीं, पाटन सीट से भूपेश बघेल के खिलाफ BJP प्रत्याशी रहे दुर्ग सांसद विजय बघेल ने आयोग से शिकायत करते हुए उनका निर्वाचन रद्द करने की मांग की है.
सांसद विजय बघेल एक बार फिर भूपेश बघेल के खिलाफ निर्वाचन आयोग पहुंच गए हैं. उन्होंने शिकायत देकर भूपेश बघेल की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की है. विजय बघेल ने कहा कि, मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए भूपेश बघेल ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है. उन्हें 2 साल की सजा होनी चाहिए. अगर आयोग सुनवाई नहीं करेगा तो कोर्ट जाएंगे.
दरअसल पाटन विधानसभा सीट से भूपेश बघेल के साथ ही विजय बघेल भी प्रत्याशी थे. इस चुनाव में विजय बघेल को हार मिली है. इससे पहले भी विजय बघेल ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर आचार संहिता के उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी. जांच से संतुष्ट नहीं होने पर विजय बघेल ने कोर्ट में शिकायत की. कोर्ट के निर्देश पर दोबारा आयोग पहुंचे थे.
चर्चा है कि आदिवासी कोटे से प्रदेश को मुख्यमंत्री मिल सकता है. इनमें रेणुका सिंह, विष्णुदेव साय और रामविचार नेताम का नाम टॉप पर है. रेणुका सिंह को CM बनाने के लिए तो उनके समर्थक हवन-पूजन तक कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि PM मोदी का महिला सशक्तिकरण पर फोकस है.