खरोरा में धरसींवा विधायक अनुज शर्मा जैन मुनि विद्यासागर जी आशीर्वाद लिया. इस दौरान जैन मुनि विद्यासागर जी से मिलकर अनुज शर्मा ने कहा कि जीवन धन्य हो गया. वर्तमान में बरौंडा में एक स्कूल में ठहरे हुए थे, जहां पता चलते ही विधायक अनुज शर्मा आशीर्वाद लेने पहुंचे. धरसींवा क्षेत्र की खुशहाली के लिए आशीर्वाद लिया.
वहीं नवनिर्वाचित विधायक अनुज शर्मा ने कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी अद्भुत संत हैं. वे केवल जैन धर्म के नहीं, राष्ट्र के संत हैं. यह हमारा सौभाग्य है कि हम अपने नेत्रों से उनके दर्शन कर पा रहे हैं.
बता दें कि विद्यासागर जी को 30 जून 1968 में अजमेर में 22 वर्ष की आयु में आचार्य ज्ञानसागर ने दीक्षा दी, जो आचार्य शांतिसागर के वंश के थे. आचार्य विद्यासागर को 22 नवम्बर 1972 में ज्ञानसागर जी द्वारा आचार्य पद दिया गया था.
उनके भाई समेत घर के सभी लोग सन्यास ले चुके हैं. उनके भाई अनंतनाथ और शांतिनाथ ने आचार्य विद्यासागर से दीक्षा ग्रहण की और मुनि योगसागर और मुनि समयसागर कहलाए. उनके बड़े भाई भी उनसे दीक्षा लेकर मुनि उत्कृष्ट सागर जी महाराज कहलाए.
एक प्रख्यात दिगम्बर जैन आचार्य हैं. उन्हें उनकी विद्वत्ता और तप के लिए जाना जाता है. आचार्य श्री हिन्दी, अंग्रेजी आदि 8 भाषाओं के ज्ञाता हैं. प्रमुख साहित्य-हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी आदि में एक दर्जन से अधिक मौलिक रचनाएं प्रकाशित हैं, जिनमें ‘नर्मदा का नरम कंकर’, डूबा मत लगाओ डुबकी’ , ‘तोता रोता क्यों ?’ , ‘मूक माटी’ आदि काव्य कृतियां ; गुरुवाणी , प्रवचन परिजात, प्रवचन प्रमेय आदि प्रवचन संग्रह; आचार्य कुंदकुंद के समयासार, नियमसार , प्रवचनसार और जैन गीता आदि ग्रंथों का पद्य अनुवाद.