एक्सप्रेस ट्रेनों में सफर करने ऑनलाइन टिकट बुकिंग कराने वाले यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. दरअसल, रेलवे के काउंटर में लाइन लगकर टिकट लेने की परेशानी से बचने के लिए यात्री ऑनलाइन टिकट बुक करा रहे हैं. पिछले एक साल के भीतर करीब 50% (पांच में से चार) यात्रियों ने काउंटर के बजाए ट्रेन का ऑनलाइन टिकट खरीदा है. वर्ष 2021 में करीब 65% लोगों ने ऑनलाइन टिकट लिया था, जबकि वर्ष 2022 में 15% का इजाफा हुआ है. इसके कारण रायपुर रेल मंडल के अधिकांश बड़े और मध्यम स्टेशनों के टिकट काउंटर खाली रहने लगे थे. इस वजह से काउंटरों में तैनात कर्मचारियों को रेलवे कैडर बदलकर फील्ड पर उतारने या टिकट चेकिंग में लगाया गया है.
राजधानी के पुराने बस स्टैंड पंडरी में नगर निगम के दो मंजिला भवन में संचालित रैन बसेरा में नीचे एक बड़े हाल में रेलवे ने लोगों की सुविधा के लिए टिकट काउंटर शुरू किया था. यह काउंटर कोरोना संकट काल से बंद पड़ा हुआ है. हालांकि अभी तक रेलवे ने न भवन खाली किया न वहां दोबारा टिकट काउंटर शुरू किया. सिर्फ काउंटर का फ्रेम भवन में मौजूद है. टिकट काउंटर बंद होने से आसपास के रहवासियों को टिकट बुकिंग की सुविधा नहीं मिल रही है. इस मामले में रेलवे अधिकारियों का कहना है कि टिकट काउंटर के बजाए बड़ी संख्यां में लोग आनलाइन टिकट खरीद रहे है, इसके कारण काउंटर खाली पड़े रहते थे. इसे देखते हुए पंडरी समेत अन्य स्थानों के काउंटर बंद कर वहां कार्यरत कर्मचारियों को दूसरे काम में लगाया गया है.
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि काउंटर पर टिकट के लिए लोग लाइनों में नहीं लगना चाहते, क्योंकि आनलाइन टिकट का आप्शन उनके पास उपलब्ध है. यही नहीं अब तो रेलवे जनरल के डिब्बों में यात्रा करने वाले लोगों के लिए भी डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार कर चुका है. UTS ऑन मोबाइल एप पर जनरल टिकट भी बुक होने लगे हैं. बिलासपुर जोन में रायपुर, बिलासपुर और नागपुर मंडल आते हैं. तीनों मंडलों के आरक्षण केंद्रों में सैकड़ों कर्मचारी-अधिकारी काम कर रहे हैं. रायपुर स्टेशन के आरक्षण केंद्र में वर्तमान में 19 के करीब काउंटर हैं. इसमें सिर्फ 5 काउंटर ही खुल रहे हैं, बाकी सभी बंद किए जा चुके हैं. इसी तरह, दुर्ग स्टेशन में छह टिकट काउंटर खुलते थे, जिनमें से अभी केवल दो ही चल रहे हैं. पूरे जोन के स्टेशनों में यही स्थिति है, आरक्षण काउंटरों पर हर समय सन्नाटा रहने लगा है.
काउंटर से टिकट लेने के कुछ फायदे भी हैं. जैसे मैनुअल टिकट लेने वाली किसी यात्री की ट्रेन छूट जाए तो वह स्टेशन मास्टर की अनुमति से दूसरी ट्रेन में सफर कर सकता है. ऑनलाइन टिकट लेने वाले यात्रियों के लिए यह सुविधा नहीं है. दरअसल, ऑनलाइन टिकट से रेलवे करोड़ों रुपये कमा रहा है लेकिन सुविधाएं कम हैं.
रायपुर रेल मंडल वरिष्ठ प्रचार निरीक्षक शिव प्रसाद का कहना है कि लगातार ऑनलाइन टिकट बुक कराने वालों की यात्रियों की संख्या बढ़ने से रेलवे के टिकट काउंटर खाली रहते थे,इसे देखते हुए अधिकांश काउंटरों को बंद किया है.