राज्य और जिलों में पिछले 15 दिनों से सरकारी और निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत इलाज पाने मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही. इस योजना के तहत उन्हें रजिस्ट्रेशन नहीं मिल पा रहा है. नए कार्ड भी नहीं बन पा रहे हैं. इसकी वजह सॉफ्टवेयर में अपडेट किया जाना बताया जा रहा है. इसके कारण जिले में 460 मरीजों की सर्जरी और इलाज नहीं हो पा रहा है.
दैनिक भास्कर ने जब मामले की पड़ताल शुरू की तो पाया कि ये समस्या पूरे राज्य के अस्पतालों में सामने आ रही. साल 2018 में जब आयुष्मान कार्ड से इलाज की योजना लागू हुई तब इसका सॉफ्टेवयर 1.0 था. इसके आधार पर पर कार्ड बनाने और मरीजों के रजिस्ट्रेशन समेत कई और प्रक्रिया पूरी हो रही थी. 1.0 के बाद सेतु नाम का नया वर्जन लागू किया गया, जो 1.0 से बेहतर था.
अब 2.0 का नया वर्जन अपडेट किया गया है. यह वर्जन अस्पतालों में लगे सिस्टम में सही तरीके से सपोर्ट नहीं कर रहा. इस वजह से पिछले दो हफ्ते से मरीज और आम लोग निजी और सरकारी अस्पतालों का चक्कर काट रहे हैं. कई जगह अस्पतालों की पैसे लेने की शिकायतें भी आ रही है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इसकी सूचना आगे बढ़ा दी है.
आयुष्मान भारत योजना के राज्य नोडल ने चिप्स को लिखा है कि आयुष्मान भारत जनआरोग्य योजना में छत्तीसगढ़ के हर परिवार के प्रत्येक सदस्य का पंजीयन कर उन्हें सरकारी और निजी अस्पतालों में निशुल्क इलाज उपलब्ध करवाना है. इसके लिए सभी को आयुष्मान कार्ड जारी किया जा रहा है.
संभाग के सबसे बड़े अस्पताल सिम्स और जिला अस्पताल में भी आयुष्मान के तहत इलाज कराने पहुंच रहे मरीजों को कई तरह की दिक्कत उठानी पड़ रही है. आंख, नाक, कान, हाथ, पैर और हड्डियों समेत कई तरह के मरीज इस योजना के तहत इलाज की उम्मीद लेकर यहां आ रहे, लेकिन उन्हें भी समस्याएं झेलनी पड़ रही है.
आयुष्मान योजना के तहत जो समस्या है वह दिल्ली से हो रही है जनदर्शन में कुछ शिकायतें आई थी, उनका बन गया है. कहीं कुछ समस्याएं हैं उनका कार्ड जल्द बनाएंगे. आने वाले दिनों में कोई समस्या नहीं होगी.