चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में DMF से नर्सों की भर्ती करने में अफसरों ने मनमानी की है. 16 मार्च 2022 को घोषित स्टॉफ नर्स भर्ती कौशल परीक्षा के बाद 101 अभ्यर्थियों की अंतिम प्रावीण्य सूची जारी की गई. उसके आधार पर जो अभ्यर्थी 74, 76, 90 और 95 नंबर पर रहे, उन्हें सरकारी सीएम मेडिकल कॉलेज में नौकरी दे दी गई है. वहीं जो अभ्यर्थी मेरिट लिस्ट में 27, 34 और 36 नंबर पर रहे, उन्हें नौकरी के लिए आज भी भटकना पड़ रहा है. यह पूरी गड़बड़ी CMHO कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों ने की है.
इसका खुलासा पीड़ितों की शिकायत से हुआ है. मेरिट में ऊपर रहने वाले अभ्यर्थी मुकेश कुमार कोसरे, लीना साहू और डाली देशमुख ने इसकी शिकायत कलेक्टर, CMHO समेत संभागायुक्त से की है. फाइनल मेरिट में तीनों के नाम क्रमश: 27, 34 और 36 नंबर हैं. मेरिट जारी करने के बाद तीनों से दूसरी भर्ती में 8 महीने सेवा भी ली गई है, उसके बावजूद सीएम मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग केयर के लिए इन्हें नहीं रखा गया है. परीक्षा लेकर आंकलन करने के बाद भी एक या दो नहीं कई लोगों को सीएम मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स के पद पर नियुक्ति दे दी गई है. इस भर्ती में इस तरह की मनमानी का शिकार और भी कई अभ्यर्थी हैं.
इधर CMHO कार्यालय में पदस्थ अफसर व कर्मचारियों की मनमानी की वजह से ही चतुर्थ श्रेणी के 84 पदों की भर्ती निरस्त करनी पड़ी है. जिन्हें भर्ती की जिम्मेदारी दी गई थी, उन्होंने अपनों को लाभ देने के लिए शासन के नियमों को ताक पर रखते हुए अव्यवहारिक नियम-शर्तें डाल दी थी. नियम शर्तों का पेंच ठीक हुआ तो भर्ती के लिए आए कुल 12563 आवेदनों की मेरिट अनुसार सूची में छेड़-छाड़ कर दी. इसका खुलासा होने के बाद कमेटी ने भर्ती को निरस्त कर नए सिरे से ऑनलाइन भर्ती करने निर्णय लिया. लेकिन इस गड़बड़ी में जो जिम्मेदार शामिल थे, उन पर कोई कार्रवाई अब तक नहीं की गई है. इसलिए दूसरी बार भी नई भर्ती में घोटाले का मामला सामने आया है.
स्वास्थ्य विभाग की भर्तियों में चल रही गड़बड़ी के बीच एक अच्छी बात यह कि अपनों को लाभ देने के लिए पूर्व में डाली गई अव्यवहारिक व नियम विरुद्ध भर्ती शर्तें बदल दी गईं. अब ग्रेडिंग पद्धति से 10वीं की परीक्षा पास करने वाले आवेदन कर सकेंगे. जिले के अभ्यर्थियों को नहीं प्रदेश के अभ्यिर्थयों को प्राथमिकता दी जाएगी. कई बोनस अंक वालों को एक ही लाभ मिलेगा.
जांच करवाता हूं, कार्रवाई करुंगा :
अभ्यर्थियों ने मेरे पास लिखित तौर पर कोई शिकायत नहीं की है. भर्ती में गड़बिड़यां छिपती नहीं है. हाई मेरिट वालों के रहते कम मेरिट वालों को नौकरी देना गलत है. अब जानकारी मिल रही है, मैं इसकी जांच करवाता हूं. जिन्होंने इस तरह की गड़बड़ी की है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. – पुष्पेंद्र मीणा, कलेक्टर, दुर्ग