दुर्ग जिले में सोमवार सुबह ED की टीम पहुंची. टीम सीधे भिलाई के रामनगर मुक्तिधाम से ही शराब कारोबारी अरविंद सिंह को हिरासत में ले गई. कारोबारी अपनी मां के अंतिम संस्कार करने पहुंचे थे. ED की इस कार्रवाई को असंवेदनशील बताया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कथित रूप से हुए ₹2000 करोड़ के शराब घोटाले के मामले में ED को काफी दिनों से अरविंद सिंह की तलाश थी. पिछली बार भी ED ने उसे पकड़ने के लिए कई ठिकानों पर रेड मारी थी, लेकिन वो फरार था. इसी दौरान अरविंद सिंह की मां का अचानक निधन हो गया.
सोमवार सुबह 10 बजे रामनगर मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार होना था. अरविंद सिंह भी वहां पहुंचा था. बताया जा रहा है कि जैसे ही अरविंद सिंह अपनी मां को मुखाग्नि देकर निकले ED ने उन्हें हिरासत में ले लिया. इस दौरान वहां दुर्ग भिलाई के कई बड़े प्रतिष्ठित लोग भी मौजूद थे. उन्होंने ED की टीम को अंतिम संस्कार करने तक का समय दिया. इसकी वजह से ED के अधिकारियों ने अपनी निगरानी में उनका अंतिम संस्कार होने दिया और उसके तुरंत बाद उन्हें हिरासत में लेकर रायपुर ले गई.
बताया जा राह है कि इस मामले में ED ने कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया था. उससे हुई पूछताछ में उन्हें कई अहम सबूत मिले थे. इसी के बाद ED ने भिलाई के शराब कारोबारी पप्पू ढिल्लन को भी हिरासत में लिया था. अरविंद सिंह को भी ED ने अपने रडार पर लिया, लेकिन वो फरार हो गया था. दुर्ग पुलिस ने अरविंद सिंह की गिरफ्तारी पुष्टि की है.
बता दें राज्य में हुए ₹2000 करोड़ के शराब घोटाले में ED ने रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर को हिरासत में लिया था. उसकी पूछताछ के बाद ED ने प्रेस नोट जारी कर दावा किया था कि छत्तीसगढ़ में 2019 से 2022 के बीच शराब घोटाले के जरिए 2000 करोड़ का भ्रष्टाचार किया गया है. इसका मास्टरमाइंड अनवर ढेबर है, जिसने पूरा सिंडिकेट तैयार कर लिया था. उसने मार्कफेड और आबकारी के बड़े अफसरों की मिलीभगत से डिस्टलरों, शराब निर्माताओं, बॉटल और होलोग्राम तैयार करने वाली एजेंसियों से साठगांठ की थी. इसी के आधार पर ED ने इस मामले से जुड़े कई अन्य लोगों को भी एक-एक कर गिरफ्तार किया.