छत्तीसगढ़ के 2000 करोड़ के शराब घोटाला मामले की ED जांच कर रही है. ED जांच के सिलसिले में लगातार आरोपियों के ठिकानों की जांच कर रही है. खबर है कि रायपुर के पेंशन बड़ा इलाके में सोमवार रात ED के अधिकारी पहुंचे थे. इसी क्षेत्र में शराब घोटाला मामले में आरोपी बताए जा रहे कारोबारी अनवर ढेबर के परिजनों के मकान और रेसीडेंशियल बिल्डिंग है. इन जगहों पर अधिकारियों ने पहुंचकर जांच की.
खबर है कि पूरे इलाके में इस वजह से गहमागहमी का माहौल बना रहा. अलग-अलग गाड़ियों में पहुंचे ED के अधिकारियों ने सुबह होते होते यहां से कुछ दस्तावेज भी जब्त किए हैं और दो लग्जरी कारों को भी अपने साथ ले गए. हालांकि ED ने इस पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है.
ED की ओर से कहा गया है कि कोल लेवी मामले में अभियोजन पत्र विशेष अदालत में भेजा गया है. इसे अदालत ने संज्ञान में लिया है. पहले ही इस मामले में IAS अधिकारी और कुछ कोल कारोबारी जेल में बंद है.
कारोबारी अनवर ढेबर, आबकारी विभाग के स्पेशल सेक्रेटरी रह चुके एपी त्रिपाठी, कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लन और नितेश पुरोहित इस वक्त जेल में हैं. इन सभी की न्यायिक रिमांड 13 जून को खत्म हो रही है. 13 जून को ही इस केस में अनवर की जमानत पर सुनवाई होगी.
पिछले दिनों अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी और अफसर अनिल टुटेजा से ₹121.87 करोड़ की 119 अचल संपत्ति अटैच की गई है. शराब घोटाला मामले में अब तक प्रदेश में कुल ₹180 करोड़ की संपत्ति अटैच की जा चुकी है. इसमें कैश, एफडी भी होल्ड किए गए हैं.
9 मई को ED ने प्रॉपर्टी अटैच करने की एक और कार्रवाई की थी. ये मामला कोल लेवी वसूली का है. इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए ED की तरफ से ट्वीट पर लिखा गया कि प्रदेश में 90 चल अचल संपत्तियों को अटैच किया गया है, जिनमें लग्जरी गाड़ियां, ज्वेलरी और नगद शामिल है. कुल ₹51.40 करोड़ की संपत्ति को बरामद किया गया है. यह बरामदगी रानू साहू, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, विधायक चंद्रदेव राय के पास से की गई है. यह कोल एक्सटॉर्शन स्कैम से जुड़ा हुआ मामला है. ED की तरफ से कहा गया है कि इस मामले में अब तक ₹221.5 करोड़ के आसपास की संपत्ति अटैच की जा चुकी है.