प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. ED ने याचिका में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले के मामले में राज्य सरकार की ओर से जो उदासीनता बरती गई है. वहीं इस मामले में ED का आरोप है कि शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार आरोपितों को सरकार संरक्षण दे रही थी. जेल में आरोपितों को विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही थी. ED ने इन बातों को हाइलाइट करते हुए इस मामले की जांच CBI से कराने की मांग की है.
छत्तीसगढ़ में कथित ₹2000 करोड़ के शराब घोटाला मामले में जेल में बंद कारोबारी नितेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लन को अंतरिम 4 सप्ताह तक के लिए अंतरिम जमानत दी गई है. बता दें कि अनवर ढेबर को मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिली थी उसी ग्राउंड पर नितेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लन को 4 सप्ताह की अंतरिम जमानत दी गई है. वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी दखल देते हुए कहा था कि ED फिलहाल अगले आदेशों तक अपने हाथ बांधे रखे और किसी प्रकार की कोई कार्रवाई न करें. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के सरकारी अफसरों को अंतरिम संरक्षण देते हुए कहा कि इस मामले में अफसरों पर कोई कठोर कार्रवाई ना हो.
छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाले के आरोप में जेल में बंद पप्पू ढिल्लन और नितेश पुरोहित को बिलासपुर हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. बता दें कि नितेश पुरोहित पिछले 15 दिनों से है AIIMS अस्पताल में भर्ती है. वहीं दोनों की रायपुर कोर्ट में अगली पेशी 16 अगस्त को होगी. इसके अलावा आबकारी घोटाले के आरोपित अनवर ढेबर की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ा दी गई है. इस सभी के मामले में 4 हफ्ते बाद सुनवाई होगी.
बता दें कि अभियुक्त नितेश पुरोहित की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता नित्यरामा कृष्णन और मतीन सिद्दीकी ने पैरवी की. वकीलों ने पुरोहित की बीमारी और इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए न्यायाधीश दीपक तिवारी से पुरोहित को जमानत देने की अपील की. कोर्ट ने जमानत मंजूर करते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए चार सप्ताह बाद करने का आदेश दिया है. वहीं अनवर ढेबर की भी जमानत चार सप्ताह के लिए बढ़ा दिया. स्वास्थगत कारणों से कोर्ट ने ढेबर का जमानत पहले ही मंजूर कर लिया था.