जिले के तरेंगा देवरी मार्ग के ग्राम सुमा भाठा में एक्सपायरी डेट की भारी मात्रा में कीटनाशक दवाइयां फेंकी हुई पाई गई. यह दवाइयां किसके द्वारा फेंकी गई और कब इसकी जानकारी आसपास गांव में किसी को नहीं है. फेंकी गई दवाइयों के आसपास लगभग चार से पांच जानवर मृत पाए गए. जिससे यही प्राथमिक तौर पर देखा जा रहा है कि इनका सेवन करने से मवेशियों की मौत भी हुई होगी. हालांकि दवाइयों और मवेशियों को प्रशासन ने गड्ढा खोदकर दफना दिया है. इस तरह खुले में दवाइयां फेंके जाने किसी बड़े संक्रमण को निमंत्रण देना जैसा है. जो एक जांच का विषय है. निश्चित रूप से ऐसा कार्य आसपास क्षेत्र के दवा निर्माता या विक्रेता द्वारा ही किया गया होगा, जिस पर शासन प्रशासन को सतर्क रहने की आवश्यकता है. ताकि किसी बड़े जनहानि को रोका जा सके.
बता दें कि कलेक्टर चंदन कुमार के निर्देशानुसार कुछ सप्ताह पहले अनुविभागीय कृषि अधिकारी जय इंद्र कंवर के अगुवाई में जिला स्तरीय निरीक्षण दल द्वारा शहर के कीटनाशक, उर्वरक एवं बीज विक्रय केंद्रों में छापेमारी की कार्रवाई की गई थी. इस दौरान शहर के तीन प्रतिष्ठानों में कीटनाशी नियम, 1971 के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन करते विभिन्न प्रकार के अनियमितता पाए जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिवस में जवाब मांगा गया था.
साथ ही सामाधान कारक जवाब नही मिलने पर कीटनाशी अधिनियम, 1968 तथा कीटनाशी नियम, 1971 के तहत कार्रवाई हेतु कही गई थी. साथ ही उप संचालक कृषि दीपक कुमार नायक द्वारा जिले में पदस्थ समस्त कीटनाशक, उर्वरक एवं बीज निरीक्षकों को नियमित रूप से अपने क्षेत्र का भ्रमण कर नकली कृषि आदान विक्रय तथा कालाबाजारी पर कड़ी निगरानी रखने हेतु स्पष्ट निर्देश जारी किया गया था. निर्देश के परिपालन में निरीक्षकों द्वारा जिले में लगातार उर्वरक, कीटनाशक एवं बीज को लेकर जांच पड़ताल की जा रही थी.
भाटापारा SDM नरेंद्र बंजारा का कहना था कि इस विषय पर कुछ ग्रामीणों के द्वारा सूचना मिली थी इसके लिए अलग से टीम बनाकर विशेष जांच कराई जाएगी.