बिलासपुर में रेल यातायात बाधित करने वाले कांग्रेस नेताओं पर केस दर्ज कर लिया है. आंदोलनकारियों पर रेलवे सुरक्षा बल ने रेलवे अधिनियम की धारा 172 के तहत कार्रवाई की है. बुधवार को RPF, GRP और स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में कांग्रेसी स्टेशन के अंदर पहुंच गए और रेलवे ट्रैक पर उतर गए थे.
इस दौरान मालगाड़ी के इंजन में चढ़कर कार्यकर्ताओं ने हंगामा मचाया. साथ ही RPF और पुलिस से जमकर झूमाझटकी भी हुई. RPF ने पूरे आंदोलन की वीडियोग्राफी की है, जिसके आधार पर आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी की जाएगी.
इस आंदोलन से पहले रेलवे स्टेशन के सामने सभा हुई, जिसमें कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार और रेलवे प्रशासन के खिलाफ जमकर हल्ला बोला. नेताओं ने रेलवे पर छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दो साल से रेलवे प्रशासन कोयला परिवहन के नाम पर लगातार यात्री ट्रेनों को रद्द कर रही है, जिसका खामियाजा यहां के लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
उन्होंने केंद्र सरकार पर रेलवे को बेचने के भी आरोप लगाए. दूसरी तरफ इस आंदोलन को देखते हुए स्टेशन परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी. स्टेशन के हर गेट पर पुलिस, आरपीएफ, जीआरपी की टीम तैनात थी. बावजूद इसके कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता सभा के बाद रेलवे स्टेशन में कूच कर गए. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने स्टेशन परिसर में जमकर नारेबाजी की और पटरी पर उतर गए, जिसके चलते कांग्रेस नेताओं व RPF के बीच जमकर झूमाझटकी भी हुई.
कांग्रेस नेता व कार्यकर्ताओं की भीड़ स्टेशन में पहुंचते ही दौड़कर पटरी पर कूद गए. वहीं, कुछ लोग नागपुर छोर तक पहुंच गए और खड़ी मालगाड़ी के इंजन के सामने चढ़कर हंगामा मचाने लगे. कई नेता व कार्यकर्ता रेलवे ट्रैक पर लेट गए. इस बीच RPF की टीम ने कांग्रेसियों को इंजन से उतारा.
रेलवे सुरक्षा बल ने आंदोलनकारियों के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 172 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है. ट्रेनों का परिचालन बाधित करने के आरोप में यह कार्रवाई की गई है. RPF अफसरों का कहना है कि विरोध प्रदर्शन के चलते मालगाड़ी के पहिए थम गए. इस आंदोलन के चलते यात्री ट्रेनों को भी नियंत्रित करना पड़ा और रेलवे स्टेशन पहुंचने से पहले आउटर पर रोकना पड़ा. RPF की टीम ने पूरे आंदोलन की फोटो व वीडियो भी बनाया है, जिसके आधार पर आंदोलनकारियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी की जाएगी.