भाजपा की नई सरकार लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बार नया प्रयोग करने की तैयारी में है. अगले 6 महीने के अंदर संसदीय सचिव और कुछ निगम-मंडल के अध्यक्षों की नियुक्ति की जा सकती है. सूत्रों की मानें तो संगठन ने 15 निगम-मंडल के नाम चिन्हित भी कर लिए हैं. इन पर चर्चा होना भी शुरू हो गई है.
हालांकि अभी तक अध्यक्षों का नाम तय नहीं हुआ है. वहीं संसदीय सचिव को लेकर भी 60-40 के फार्मूले पर चयन किया जा रहा है. इसमें 60% पहली बार के विधायकों को मौका दिया जाने की तैयारी है, बाकी 40% एक बार से अधिक बार जीते लोगों को मौका मिलेगा.
दिल्ली के एक राष्ट्रीय स्तर के नेता का कहना है पार्टी लोकसभा के पहले अधिक से अधिक लोगों का कद बड़ा करने में जुटी हुई है. इससे लोकसभा चुनाव में नेतृत्व बढ़ेगा और बचे हुए जातिगत व क्षेत्रीय समीकरण को भी पार्टी साध लेगी. बता दें कि प्रदेश में 50 निगम, मंडल और आयोग में राजनैतिक नियुक्ति की जाती है.
साय सरकार आने के बाद तत्काल प्रभाव से कांग्रेस सरकार में 21 निगम-मंडल, आयोगों में अध्यक्ष समेत 32 नेताओं की नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया है. ये सभी पद अभी खाली है. अब भाजपा सरकार इन पदों को जल्द से जल्द भरने की तैयारी कर रही है.
प्रदेश अध्यक्ष किरणसिंह देव की नियुक्ति के बाद से महामंत्री के समीकरण भी बदल गए हैं. अब महामंत्री के लिए संजय श्रीवास्तव, भूपेंद्र सवन्नी और चंपादेवी पावले का नाम लगभग तय माना जा रहा है. बता दें कि सरगुजा संभाग के संजय श्रीवास्तव और दुर्ग संभाग के भूपेंद्र सवन्नी प्रभारी थे. पार्टी ने सरगुजा में 14 सीटें जीती हैं.
चारों चुनाव में पार्टी जीतने के लगभग एक साल बाद ही निगम-मंडल के अध्यक्षों की नियुक्ति करती रही है. पिछली भूपेश सरकार में डेढ़ साल बाद जुलाई 2020 में 12 निगम-मंडल अध्यक्ष नियुक्त गए थे. दिसंबर 2020 में संसदीय सचिवों की नियुक्ति हुई थी. इसके पहले रमन सरकार में भी करीब एक साल बाद ही निगम-मंडल अध्यक्षों और संसदीय सचिवों की नियुक्ति हुई थी. इस बार पार्टी हर संभाग से दो-तीन संसदीय सचिव चुनने की तैयारी में है.
हर बार लोकसभा चुनाव के बाद ही मंडल-अध्यक्षों की नियुक्ति होती थी, लेकिन इस बार पहले करने के पीछे की कुछ और वजहें भी हैं. बताया जा रहा है कि कई कार्यकर्ता विधानसभा के प्रबल दावेदार थे, लेकिन उन्हें किन्हीं कारणवश टिकट नहीं दे पाए. अब उन्हें मंडल-अध्यक्ष बनाए जाने से उनके समर्थकों में भी एक नया जोश आएगा. साथ ही वे लोकसभा की दावेदारी से भी दूर हो जाएंगे. ऐसे लोगों को पार्टी पहले से चिन्हित कर चुकी है. आलाकमान से हरी झंडी मिलने के बाद नाम पर मंथन शुरू किया जाएगा.
*इन निगम-मंडल पर चर्चा*
• खनिज विकास निगम
• खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम
• पाठ्य पुस्तक निगम
• छग मेडिकल सर्विसेस निगम
• अपैक्स बैंक
• छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल
• छत्तीसगढ़ भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल
• रायपुर विकास प्राधिकरण
• सिंधी अकादमी बोर्ड
• मदरसा बोर्ड
• छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडल
• राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था
• छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल
• राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड
• CSIDC