छत्तीसगढ़ में हाल ही में उप मुख्यमंत्री के रूप में कवर्धा विधायक विजय शर्मा और लोरमी विधायक अरुण साव ने शपथ ली है. इसे लेकर पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने इसे असंवैधानिक बताया है. उनके द्वारा किए गए हर काम औचित्यहीन हैं.
मोहम्मद अकबर ने कहा कि संवैधानिक प्रावधान यह है कि मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करेगा. अन्य मंत्रियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल करेगा, लेकिन किसी राज्य के मंत्री परिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या उस राज्य की विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी.
अकबर ने कहा कि संविधान में उप मुख्यमंत्री का पद नहीं है, इसलिए उप मुख्यमंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ का कोई औचित्य नहीं है. ऐसी शपथ विधि की दृष्टि में शून्य है.
इसके अलावा अकबर ने कहा कि संविधान की तृतीय अनुसूची में पद और गोपनीयता की शपथ का स्पष्ट प्रारूप है. पूर्व मंत्री ने इसे लेकर प्रतियां भी दिखाई हैं. साथ कहा कि अरुण साव और विजय शर्मा ने मंत्री पद की शपथ नहीं ली है, इसलिए उप मुख्यमंत्री के रूप में इनके द्वारा किए गए कार्य औचित्यहीन हैं.