छत्तीसगढ़ सरकार ने नए साल से मुफ्त चावल देने का फैसला किया है. साय सरकार नए साल से 5 साल तक गरीब परिवार को मुफ्त चावल देगी. इस फैसले के तहत राज्य के 67 लाख 92 हजार 153 राशनकार्डधारी परिवारों को फायदा मिलेगा. इसके लिए खाद्य विभाग ने राज्य के सभी कलेक्टरों को पत्र जारी किया है.
मुफ्त चावल उचित मूल्य दुकानों (सरकारी राशन दुकानों) के जरिए लोगों को मिलेगा. इससे पहले 15 साल सत्ता में रही भाजपा सरकार में डॉ रमन सिंह 1 रुपए किलो की दर से चावल देने की योजना लाकर चाउर वाले बाबा के नाम से मशहूर हुए थे. साय सरकार में अब चावल के लिए एक रुपए भी नहीं देना होगा.
मुफ्त चावल देने के ऐलान के साथ कलेक्टर्स को निर्देश दिया गया है. इस फैसले में प्रदेश के अन्त्योदय, प्राथमिकता, निशक्तजन और एकल निराश्रित कैटेगरी के करीब 68 लाख हितग्राही पात्र होंगे. राशनकार्डधारियों को पात्रता के मुताबिक शासकीय उचित मूल्य दुकानों से फ्री में चावल मिलेगा. इस संबंध में मंत्रालय महानदी भवन, अटल नगर नवा रायपुर स्थित खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की ओर से पत्र जारी किया गया है.
चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के दुर्ग से ही प्रधानमंत्री मोदी ने भी मुफ्त राशन योजना को 5 साल और बढ़ाने का ऐलान किया था. जिसके बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को बढ़ाने के लिए केंद्रीय कैबिनेट से भी मंजूरी दी गई थी. इस योजना के तहत देश में गरीबों को हर महीने 5 किलो राशन मुफ्त दिया जाता है.
इसी तरह अब साय सरकार ने छत्तीसगढ़ में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम के तहत अन्त्योदय, प्राथमिकता, निशक्तजन और एकल निराश्रित श्रेणी के राशनकार्डधारियों को 5 साल चावल वितरण कराने के निर्देश दिए हैं. अब तक 1 रुपए की दर से एक परिवार को अधिकतम 35 किलो चावल दिया जाता है.
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अलग अलग श्रेणी के राशन कार्ड बनाए जाते हैं. इन सभी में दर और सामग्री के हिसाब से अलग अलग लाभ दिया जाता है.
- राज्य में अन्त्योदय श्रेणी के 14 लाख 92 हजार 438
- प्राथमिकता श्रेणी के 52 लाख 46 हजार 656
- एकल निराश्रित श्रेणी के 37 हजार 708
- निशक्तजन श्रेणी के 15 हजार 351 राशन कार्डधारी हैं.
इसके अलावा प्रदेश में APL कार्डधारी भी हैं. गरीबी रेखा से ऊपर वाले APL कार्डधारियों को 10 रुपए प्रति किलो के हिसाब से चावल दिया जाता है.