छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ के उप जेल में बंदियों की पिटाई को लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. मीडिया रिपोर्ट को जनहित याचिका मानकर बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की. इस दौरान पीड़ित पक्ष ने भी आवेदन दिया और बताया कि जेल में अवैध उगाही भी की जाती है.
उन्होंने बतौर सबूत ऑनलाइन वसूली की जानकारी दी, जिस पर हाईकोर्ट ने DGP से शपथपत्र के साथ जवाब मांगा है.
इस केस की सुनवाई के दौरान शासन की तरफ से बताया गया कि जेल DG ने मामले पर संज्ञान लेकर कार्रवाई की है. आरोपियों पर FiR दर्ज कराने के साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच भी कराई जा रही है. पीड़ित पक्ष की तरफ से एडवोकेट प्रियंका शुक्ला ने आवेदन प्रस्तुत कर बताया कि जेल के भीतर अवैध वसूली के लिए जेल प्रहरी दबाव बनाते हैं और बंदियों व उनके परिजन को प्रताड़ित भी करते हैं.
पैसे नहीं देने पर बंदियों को परेशान किया जाता है. उन्होंने नकद पैसों के साथ ही पेटीएम के माध्यम से ऑनलाइन वसूली की जानकारी दी.
सुनवाई के दौरान पहले डिवीजन बेंच ने कहा कि मारपीट करने और पैसे लेने वाले जेल अधिकारी और प्रहरियों पर केस दर्ज किया गया है. उनके खिलाफ कार्रवाई भी हुई है, लेकिन ऐसे किसी गलत काम के लिए पैसे देना भी अपराध है और गलत काम को बढ़ावा देना है.
इस स्थिति में उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है. इस पर एडवोकेट शुक्ला ने कहा कि दबाव डालकर पैसे की उगाही की जाती है, तब कोर्ट ने कहा कि इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से करनी चाहिए, आपकी तरफ से कभी शिकायत की गई है क्या?
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने पूछा कि किसके खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं, तब बताया गया कि अलग-अलग खातों में किस्तों में पैसे लिए गए हैं. इस पर हाईकोर्ट ने ऑनलाइन ट्रांक्जैक्शन की जांच कराने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने DGP को शपथपत्र के साथ जवाब देने के लिए कहा है. केस की अगली सुनवाई 19 मार्च को होगी.
बता दें कि कुछ दिन पहले सारंगढ़ उप जेल में पैसों की मांग कर कैदियों से मारपीट का मामला सामने आया है. मारपीट से घायल कैदियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. कैदियों का वीडियो वायरल होने के बाद केंद्रीय जेल अधीक्षक ने मामले की जांच के बाद सहायक जेल अधीक्षक संदीप कश्यप और जेल प्रहरी महेश्वर हिचामी व टिकेश्वर साहू को निलंबित कर दिया है. इनके खिलाफ FIR दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है.
मारपीट का मामला सामने आने के बाद जेल अधीक्षक ने उप जेल का निरीक्षण किया. यहां बंदियों ने बताया कि प्रहरी महेश्वर और टिकेश्वर जेल के अंदर कैदियों तक प्रतिबंधित सामान पहुंचाते थे. इसके लिए दोनों बंदियों और कैदियों से रुपये की मांग करते थे. वे अन्य कैदियों से भी बिना वजह पैसों की डिमांड करते रहते थे और इसका विरोध करने पर गालीगलौज और मारपीट करते थे.