जशपुर जिले से हिंदू देवी-देवताओं की प्राचीन प्रतिमा चोरी होने के मामले में जांच का जिम्मा अब डीएसपी रैंक के पुलिस अधिकारी को सौंपा गया है. जांच रिपोर्ट संबंधित थाना क्षेत्र के न्यायालय में पेश किया जाएगा. ASP जशपुर उमेश कश्यप ने कहा कि SDOP कुनकुरी संदीप मित्तल को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है.
हाईकोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए याचिकाकर्ताओं ने चोरी हुई प्रतिमा के मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई है. शहर के वनवासी कल्याण आश्रम के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में याची मनिजर राम, राजकपूर भगत और अरविंद भगत ने बताया कि वर्ष 2020 में बागबहार थाना क्षेत्र के ग्राम रेड़े, और आस्ता थाना क्षेत्र के कांची और धरधरी से हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमा रातोंरात गायब हो गई थी. इस मामले में स्थानीय लोगों ने संबंधित थानों में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
मामला तूल पकड़ने पर दबाव में आते हुए बागबहार और आस्ता पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ चोरी का अपराध दर्ज किया था, जबकि शिकायत में ग्रामीणों ने प्रतिमा चोरी करने वाले संदेहियों के नाम का जिक्र भी किया था.
पुलिस-प्रशासन की ओर से जांच में की जा रही ढिलाई को देखते हुए सरहुल सरना पूजा समिति के तीनों याचियों ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगाई. उन्होंने प्रतिमा चोरी के सभी मामलों की जांच CBI से कराने की मांग की.
मामले में दोनों पक्षों के तर्क को सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने 8 अगस्त को दिए गए निर्णय में DSP रैंक के अधिकारी से जांच कराने के निर्देश दिए थे. हाईकोर्ट ने जांच रिपोर्ट संबंधित थाने के न्यायालय में प्रस्तुत करने के निर्देश पुलिस-प्रशासन को दिए हैं. प्रतिमा चोरी के इस मामले की जांच की मॉनिटरिंग बिलासपुर रेंज के IG करेंगे.
प्रतिमा चोरी का यह विवाद वर्ष 2020 में जिला प्रशासन द्वारा संग्रहालय निर्माण के साथ ही शुरू हुआ था. याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि संविधान की पांचवीं अनुसूची के अंर्तगत अधिसूचित जिला होने के बाद भी जिला प्रशासन ने बिना पंचायत की सहमति लिए ही प्रतिमाओं को ग्रामीण अंचल से उठाने की कार्रवाई की. इसके लिए जनपद पंचायत के CEO और तहसीलदार जैसे जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे थे. हालांकि स्थानीय रहवासियों के विरोध के बाद उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा था.
इसके ठीक दूसरे दिन बागबहार के रेड़े और आस्ता थाना क्षेत्र के धरधरी और कांची से प्राचीन प्रतिमा गायब हो गई थी. इन कीमती प्रतिमाओं की चोरी में अंतरराष्ट्रीय तस्करों का हाथ होने की आशंका जताई गई थी. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि अगर हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी ठीक से जांच नहीं हुई, तो वे फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार SDOP कुनकुरी संदीप मित्तल को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है. जांच रिपोर्ट संबंधित न्यायालय के समक्ष निर्धारित समय सीमा के अंदर जमा कर दिया जाएगा.