जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़-जे (JCCJ) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. उनके मुलाकात के बाद अब जोगी कांग्रेस के विलय की चर्चा भी तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि पार्टी कार्यकर्ता अपने भविष्य के कारण विलय चाहते हैं.
विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं था. ऐसे में पार्टी के कार्यकर्ता नाराज चल रहे थे. ऐसे में अमित जोगी की गृहमंत्री शाह से मुलाकात के बाद चर्चाएं तेज हो गई हैं. हालांकि इस संबंध में अमित जोगी की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है.
विधानसभा चुनाव के बाद 24 दिसंबर में जोगी कांग्रेस की बड़ी बैठक सागौन बंगला रायपुर में रखी गई थी. इसमें विधानसभा चुनाव के सभी प्रत्याशी, पदाधिकारियों की समीक्षा की गई. साथ ही 2024 में होने वाले लोकसभा, नगरी निकाय और पंचायत चुनावों की रणनीति तय की गई थी. इस दौरान अमित जोगी ने सभी लोगो से व्यक्तिगत तैयार पर सुझाव भी मांगा था.
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जोगी कांग्रेस के 80% कार्यकर्ता पार्टी का विलय भाजपा में चाहते हैं. सभी एक साथ भाजपा में जाने के लिए इच्छुक हैं. हालांकि सभी अमित जोगी ने निर्णय का इंतजार कर रहे हैं. इससे पहले विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के प्रमुख पदाधिकारी ने भाजपा में प्रवेश किया था.
2023 विधानसभा में पार्टी का परफॉर्मेंस अच्छा नहीं रहा. 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान जोगी कांग्रेस ने बसपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. पिछले चुनाव में जोगी कांग्रेस को 5 सीटें मिली थी. इस बार विधानसभा चुनाव में पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाई. अमित जोगी ने भूपेश बघेल के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन सिर्फ 4822 वोट मिले थे.
जेसीसीजे का गठन किया गया तो पूर्व सीएम अजीत जोगी ने कहा था कि वे कभी भाजपा से गठबंधन नहीं करेंगे. आठ धार्मिक ग्रंथों को साक्षी मानकर बयान दिया था कि मुझे सूली पर चढ़ा दिया जाए, चाहे मुझे कुछ भी करना पड़े, मैं मृत्यु को गले लगाना अच्छा मानूंगा. बजाय इसके की सांप्रदायिक फासीवादी ताकतों की प्रतीक भाजपा से गठबंधन नहीं करूंगा.