कवर्धा नगरपालिका के कांग्रेस पार्षद बुधवार को जूते-चप्पल की माला लेकर CMO को भेंट करने पहुंचे. यहां पहले से सुरक्षा में तैनात भारी पुलिस जवानों ने पार्षदों के हाथ से जूते-चप्पल की माला छीन ली. पार्षदों ने पुलिस के रोके जाने के बाद कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की.
इसके बाद सभी प्रदर्शनकारियों ने CMO के केबिन में जाकर ज्ञापन सौंपा. कांग्रेसियों का आरोप है कि भाजपा सरकार के इशारे पर काम करने वाले CMO नरेश वर्मा ने नगरपालिका में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत होने के बावजूद BJP पार्षद मनहरण कौशिक को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया है.
दरअसल कवर्धा नगरपालिका में 19 कांग्रेस पार्षद, 7 भाजपा पार्षद और एक निर्दलीय पार्षद है. नगरपालिका में अध्यक्ष पद पर कांग्रेस का कब्जा था. छत्तीसगढ़ में तत्कालीन कांग्रेस के शासनकाल में विधायक और मंत्री मो. अकबर के सबसे खास माने जाने वाले ऋषि शर्मा को नगरपालिका अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई.
पार्षदों का आरोप था कि अध्यक्ष अपने पद का गलत उपयोग करते हैं और उनकी अनदेखी करते हैं. इस बात को लेकर पार्षद नाराज चल रहे थे. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथ से सत्ता जाने के बाद कांग्रेस पार्षदों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने अपने नेताओं से अध्यक्ष की खुलकर शिकायत की. पार्षदों ने तत्काल अध्यक्ष पद छोड़ने को कहा. जिसके बाद अध्यक्ष ऋषि शर्मा ने 12 दिसंबर 2023 को अपना इस्तीफा सीएमओ को सौंप दिया था.
इसके बाद करीब ढाई महीने तक अध्यक्ष की कुर्सी खाली रही. कांग्रेस पार्षदों को लगा था कि अध्यक्ष की कुर्सी पर बहुमत के हिसाब से कांग्रेस का ही कब्जा रहेगा, लेकिन भाजपा शासन ने नगरपालिका अधिनियम का पालन करते हुए धारा 37/2 के तहत भारतीय जनता पार्टी के पार्षद मनहरण कौशिक को कार्यवाहक अध्यक्ष बना दिया है.
वहीं अध्यक्ष बनाए जाने के दूसरे ही दिन पीआईसी का गठन करने बिना सहमति लिए वार्ड क्रमांक 10 की कांग्रेस पार्षद सुशीला धुर्वे को शामिल कर दिया गया. सुबह जब कांग्रेस पार्षद को आवेदन मिला कि उन्हें सभापति नियुक्त किया गया है, तो उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए अपनी बात रखी. उन्होंने अन्य सदस्यों के साथ पालिका पहुंच कर जमकर नारेबाजी की और CMO को जूता-चप्पल की माला भेंट करने की कोशिश की.
कांग्रेस पार्षद मोहित महेश्वरी ने बताया कि सुबह 10 बजे कांग्रेस पार्षद सुशीला धुर्वे को एक लेटर मिला, जिसमें उन्हें सभापति बनाए जाने की बात लिखी थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्षद होने के नाते बदनाम करने उन्हें भाजपा के अध्यक्ष वाली नगरपालिका में बिना सहमति के सभापति बनाया गया है.
इसके बाद सभी पार्षद नगरपालिका पहुंचे और CMO को आवेदन देकर तत्काल पीआईसी सदस्य से सुशीला धुर्वे का नाम हटाने की मांग की गई है. बीते दिनों उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा था कि कवर्धा नगरपालिका में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत है, इसलिए जनादेश का सम्मान किया जाएगा.
कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि लेकिन भारतीय जनता पार्टी झूठ की सरकार है. मंगलवार को धारा 37/2 का उपयोग कर भाजपा पार्षद को कार्यवाहक अध्यक्ष बना दिया गया है. कांग्रेस पार्षद ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है, बहुत जल्द फैसला आएगा और फिर से निर्वाचन कराकर अध्यक्ष बनाया जाएगा.
अब बिना सहमति के कांग्रेस की महिला पार्षद सुशीला धुर्वे का नाम पीआईसी सदस्य में शामिल कर उन्हें सभापति बना दिया गया. इससे नाराज कांग्रेस पार्षदों ने सीएमओ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.