छत्तीसगढ़ में ACB और EOW की टीम 6 हजार करोड़ के शराब घोटाला मामले में छापेमारी कर रही है. इसी बीच सोमवार को कोरबा में आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त सौरभ बक्शी के घर पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने दबिश दी है. कोतवाली और सिविल लाइन पुलिस मौके पर तैनात है.
बताया जा रहा है कि, तड़के दो वाहन में DSP प्रमोद खेस के नेतृत्व में एसीबी की 9 सदस्यीय टीम सहायक आयुक्त सौरभ के घर पर पहुंची. जहां तमाम दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं. वहीं, रविवार की शाम 7 बजे टीम गई थी, तब घर में ताला लगा मिला था.
जिसे सील कर दिया गया था. सुबह सील बंद घर को खोलकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. आबकारी सहायक आयुक्त चर्चित अधिकारी हैं. एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम सहायक आयुक्त के बारे में और भी जानकारी एकत्र कर रही है. इसके अलावा उनके स्टाफ से भी पूछताछ की जा रही है.
इससे पहले, आबकारी गड़बड़ी में ACB-EOW ने भाटिया डिस्टलरी, वेलकम डिस्टलरी, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, IAS निरंजन दास और कारोबारी अनवर ढेबर के 12 से ज्यादा ठिकानों पर दबिश दी है. छापे की कार्रवाई पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि यह विभाग का काम है, जांच की प्रक्रिया चलती रहती है.
इन ठिकानों पर चल रही कार्रवाई
- अरूणपति त्रिपाठी- सेक्टर-9, भिलाई
- निरंजन दास- देवेंद्र नगर, रायपुर
- सौरभ बख्शी, तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी- कोरबा
- अनिल टुटेजा- कटोरा तालाब, रायपुर
- विवेक ढांढ- पुराने PHQ के पास रायपुर
- अशोक कुमार सिंह- अमलीडीह रायपुर
- अनवर ढेबर- ढेबर प्लाजा, बैरन बाजार, रायपुर
- अरविंद सिंह- अवंति विहार रायपुर
- राजेंद्र जायसवाल- अग्रसेन चौक तथा ग्राम छेरका, बिलासपुर
- मेसर्स विधु गुप्ता, मेसर्स प्रिज्म होलोग्राम एण्ड सिक्युरिटी- ग्रेटर नोएडा (UP)
- भूपेंद्र पाल सिंह भाटिया- सारागांव, बिलासपुर
- नवीन केडिया- इंडस्ट्रियल एरिया कुम्हारी
- सिद्धार्थ सिंघानिया- मेसर्स टॉप सिक्योरिटीज, रायपुर
- रविवार सुबह 6 बजे से चल रही कार्रवाई
ACB-EOW ने बिलासपुर के सरगांव स्थित भाटिया डिस्टलरी और कोटा स्थित वेलकम डिस्टलरी में रविवार सुबह 6 बजे दबिश दी. इधर, दुर्ग के कुम्हारी दुर्ग स्थित केडिया डिस्टलरी, रायपुर में अनवर ढेबर, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड समेत रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा के ठिकानों पर भी जांच चली.
इन सभी के नाम ED की चार्ज शीट में भी हैं. EOW ने 2 दिन पहले ही कानूनी जानकारी के साथ FIR की गहन समीक्षा की थी.
सूत्रों का कहना है कि शराब केस में आरोपी बनाए गए पूर्व IAS अफसरों, कारोबारियों को पहले ही छापे की भनक लग चुकी थी. 2 सप्ताह पहले ACB ने FIR दर्ज की थी. इसके बाद से ही आरोपी सर्तक हो चुके थे. इसके बाद विशेष अदालत में 24 फरवरी ACB ने वारंट की मांग की. हाईप्रोफाइल लोगों को इसकी भी खबर थी.
अब तक छापेमारी कार्रवाई जारी सभी ठिकानों से एंटी करप्शन ब्यूरो को 100 से ज्यादा फाइल और डिजिटल डॉक्यूमेंट मिले हैं. ACB को उम्मीद है कि इन डॉक्यूमेंट में प्रकरण से जुड़े कुछ हम तथ्य हासिल हो सकते हैं.
ACB की तरफ से आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि छापेमारी की कार्रवाई अभी जारी है. जांच पर कई अलग-अलग टीमों के लौटने के बाद यह साफ हो सकेगा की किसके ठिकाने से क्या मिला.
शराब और कोयला घोटाला मामले में ED ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों समेत 100 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई थी. इनमें कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा, खाद्य मंत्री रहे अमरजीत भगत, पूर्व विधायक यूडी मिंज, गुलाब कमरो, शिशुपाल का नाम शामिल है.
इनके अलावा 2 निलंबित IAS, रिटायर्ड IAS अफसर और कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल समेत अन्य के नेताओं के नाम भी हैं. ये एफआईआई ACB में 17 जनवरी को कराई गई है.