कोल लेवी स्कैम मामले में भिलाई से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में पता चला है कि अपराध से होने वाली आय से देवेंद्र यादव ने 3 करोड़ रुपए लिए हैं. जांच रिपोर्ट में कवि कुमार विश्वास और पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर का भी जिक्र है.
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को ED की ओर से यह भी बताया गया कि, विधायक ने माना है कि वे पिछले 5 साल से सूर्यकांत तिवारी को जानते हैं. अप्रैल 2022 में खैरागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से प्रभारी होने के नाते वे सूर्यकांत तिवारी से फोन और वॉट्सऐप कॉल पर बातचीत करते थे.
ED ने बताया कि, वॉट्सऐप चैट से पता चलता है कि देवेंद्र यादव को सूर्यकांत तिवारी से 35 लाख रुपए मिले. यह भी पता चला है कि सूर्यकांत से उन्होंने राम नवमी पर कुमार विश्वास का कार्यक्रम कराने और 25 लाख रुपए की व्यवस्था करने के लिए कहा था.
ED ने बताया कि गिरफ्तार एक अन्य आरोपी निखिल चंद्राकर मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी का करीबी सहयोगी है. उसने अपने बयान में कहा है कि डायरी में D यादव के नाम की एंट्री भिलाई के वर्तमान विधायक देवेंद्र यादव से संबंधित है. यह भी बताया है कि यह कैश उन्हें पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के घर के पास नवाज नाम के व्यक्ति के जरिए सौंपी गई थी.
रायपुर की स्पेशल कोर्ट ने 2 मार्च को विधायक देवेंद्र यादव, कांग्रेस नेता विनोद तिवारी और आरपी सिंह के खिलाफ दूसरा जमानती वारंट जारी किया था. सभी आरोपियों को 27 अप्रैल को कोर्ट में हाजिर होने को कहा गया है. हालांकि देवेंद्र यादव ने अनुपस्थिति को माफ करने के लिए आवेदन किया, लेकिन कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
इसके बाद वे अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचे थे, लेकिन वहां भी मंगलवार को कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया. ऐसे में विधि जानकारों का कहना है हाईकोर्ट से एंट्री सेपेट्री बेल कैंसिल होने बाद रायपुर की स्पेशल कोर्ट यादव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है.
इस मामले में रानू साहू, निखिल चंद्राकर के अलावा विनोद तिवारी, देवेंद्र यादव, चंद्रदेव राय, आरपी सिंह, रोशन सिंह, पीयूष साहू, नवनीत तिवारी, मनीष उपाध्याय, नारायण साहू आरोपी बनाए गए हैं. नारायण साहू और पीयूष साहू दोनों ही सूर्यकांत तिवारी के स्टाफ हैं.
रानू साहू और निखिल चंद्राकर के अलावा इनमें से किसी एक को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है. खबर है कि इन्हें पकड़ा जा सकता है. हालांकि इन आरोपियों के वकीलों ने जमानत हासिल करने की कोशिश शुरू कर दी है.
540 करोड़ रुपए के कोल घोटाले में ED ने निलंबित IAS रानू साहू के अलावा IAS समीर विश्नोई, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी समेत 6 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था. ये सभी ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल में हैं.
समझें क्या है कोल स्कैम
- ED ने छत्तीसगढ़ में जांच के बाद 540 करोड़ के कोल लेवी स्कैम का खुलासा किया था. इसमें IAS रानू साहू के अलावा IAS समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, JD माइनिंग एसएस नाग और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया.
- इसके अलावा कांग्रेस नेता और कुछ कारोबारी भी ED के जांच के दायरे में रहे. इन लोगों से पूछताछ की गई है और इनके घरों से कुछ दस्तावेजों को भी जब्त किया गया. ED ने पिछले साल 540 करोड़ के अवैध कोल परिवहन का केस दर्ज किया है.
- कोल परिवहन में कोयला एजेंसियों से प्रति टन 25 रुपए कमीशन वसूलने का आरोप है. ये वसूली सिंडिकेट करता था, सिंडिकेट के लोगों के नाम पर ही FIR हुई है.