छत्तीसगढ़ कांग्रेस में लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर लेटर बम फूटा है. इस बार कांग्रेस के पूर्व महामंत्री अरुण सिसोदिया ने दीपक बैज को चिट्ठी लिखकर कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल पर 5 करोड़ 89 लाख रुपए के गबन का बड़ा आरोप लगाया है.
सिसोदिया के मुताबिक रामगोपाल अग्रवाल ने अपने मित्र और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के बेटे की कंपनी टेसू मीडिया लैब गाजियाबाद को 5 करोड़ 89 लाख रुपए दिए हैं. ये रुपए तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और प्रभारी महामंत्री की जानकारी के बिना भुगतान किया गया.
इधर सिसोदिया की चिट्ठी को लेकर PCC चीफ दीपक बैज ने कहा कि ये जानकारी मुझे भी मीडिया के जरिए ही मिली है. मुझ तक कोई पत्र नहीं पहुंचा है. अरुण सिसोदिया अभी तो पदाधिकारी नहीं हैं, लेकिन उन्हें कोई बात कहनी थी, तो पार्टी फोरम में कहना था.
अरुण सिसोदिया ने पत्र में लिखा है कि बिना अध्यक्ष की अनुमति के इतनी बड़ी राशि पूर्व सीएम के सलाहकार विनोद वर्मा के बेटे की कंपनी को दी गई. उन्होंने मामले में जांच के साथ ही कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल को पार्टी से बाहर करने की भी मांग की है.
पूर्व महामंत्री आगे लिखते हैं कि कोषाध्यक्ष को कार्यादेश जारी करने की अनुमति नहीं है, साथ ही पार्टी बायलॉज के अनुसार प्रदेश कार्यकारिणी में प्रस्ताव लाकर पास करना आवश्यक है. प्रदेश अध्यक्ष की नोटशीट पर अप्रूवल लिया जाना जरूरी है.
उन्होंने लिखा कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद भी संगठन को कोई आर्थिक सहयोग नहीं दिया जाता था. कई बार बैठक में और प्रभारी कुमारी सैलजा से अनुरोध के बावजूद ब्लॉक और जिला अध्यक्ष को 5-10 हजार रुपए मासिक संगठन के काम के लिए नहीं दिए गए.
वहीं कुछ लोग अपने परिवार के लोगों को एक कमरे में बैठकर कार्यादेश और निजी लोगों को गवाह बनाकर इतनी राशि का भुगतान कर दिया गया. जो रकम 10 लाख, 6 लाख और 3 लाख यानी 19 लाख प्रति माह भुगतान किया गया, वो वर्तमान में 10 गुना है यानी प्रतिमाह 20 लोगों की टीम 3 लाख में काम कर रही है.
आपसे अनुरोध है कि 5 साल में ही सरकार और संगठन में मनमानी करने वाले गिरोह को पार्टी से बाहर किया जाए और हार के जिम्मेदार लोगों को सक्रिय राजनीति और पार्टी से दूर रखा जाए, तभी कांग्रेस का उत्थान संभव है.
बता दें कि रामगोपाल अग्रवाल कोयला घोटाला मामले में भी आरोपी हैं, जो पिछले कुछ महीनों से फरार चल रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय की टीम रामगोपाल अग्रवाल की तलाश कर रही है.