महादेव सट्टा ऐप और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने सोमवार को नितिन टिबरेवाल और अमित अग्रवाल को 13 दिनों की न्यायिक रिमांड पर 3 फरवरी तक जेल भेज दिया है. कस्टोडियल डिमांड खत्म होने पर ED ने दोनों को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया था.
ED की ओर से कोर्ट कहा गया है कि दोनों आरोपियों से पूछताछ की जरूरत नहीं है. इसलिए न्यायिक रिमांड पर उन्हें जेल में रखा जाए.
सोमवार को सुनवाई के दौरान कोलकाता का हवाला कारोबारी नितिन बेहोश होकर गिर गया. उसे उठाकर कुर्सी में बिठाकर पानी पिलाया गया. तुरंत डॉक्टर बुलाया गया. डॉक्टर ने नितिन की जांच की. उसका BP, शुगर सब नार्मल पाया गया. डॉक्टरों ने किसी तरह की तकलीफ नहीं पाई. उसके बाद कोर्ट ने 3 फरवरी तक दोनों को जेल भेज दिया.
ED के वकील धीरेंद्र नंदे ने बताया कि ED ने नितिन और अमित से लंबी पूछताछ कर ली है. फिलहाल कोई नया तथ्य या इनपुट नहीं मिला है. इस वजह से पूछताछ की जरूरत नहीं है. अब तक की पूछताछ के दौरान जो अहम जानकारी मिली है. उसकी पड़ताल की जा रही है.
ED के वकील ने बताया कि इस मामले में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. 13 आरोपियों के खिलाफ बिना गिरफ्तारी का परिवाद पेश किया गया है. कोर्ट ने 24 फरवरी को 13 लोगों को कोर्ट में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया है. अगर कोर्ट में पेश नहीं होंगे तो समन जारी किया जाएगा.
महादेव सट्टेबाजी केस में दोनों अरोपियों से पूछताछ के दौरान कुछ नए नाम सामने आए हैं. जिसे लेकर प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रही है. जल्द ही महादेव सट्टा ऐप मामले में अन्य लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है.
नितिन टिबरेवाल और अमित अग्रवाल को ED ने शुक्रवार 12 जनवरी को गिरफ्तार किया था. उसके बाद 2 बार ED को दोनों आरोपियों की रिमांड मिल चुकी थी. इन्होंने दुबई में प्रॉपर्टी खरीदी है. विदेशी कंपनियों में शेयर होल्डर भी है. जांच में अब तक ढाई करोड़ रुपए का हिसाब दिखा है.
अमित का भाई अनिल अग्रवाल महादेव ऐप में पार्टनर था. वह दुबई से जो पैसे भेजता था उसे यहां रिसीव कर अमित अपने अकाउंटेंट के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग करता था.