बीजापुर जिला अस्पताल के मॉर्चुरी में रखे एक बुजुर्ग महिला के शव को चूहों ने कुतर डाला. शव के चेहरे, हाथ-पैर समेत शरीर के कई अंगों को जगह-जगह से चूहों ने काट दिया. शव को बुरी हालत में देखने के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं, जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने इसे वॉर्ड बॉय की गलती बताया है.
बुजुर्ग सरस्वती चांडक पिछले कई दिनों से बीमार चल रही थीं. जिला अस्पताल में उनका डायलिसिस चल रहा था. 2 अक्टूबर को इलाज के दौरान महिला ने दम तोड़ दिया. परिजन ने उसी दिन दोपहर 2 बजे शव को मॉर्चुरी में रखवा दिया था.
बुजुर्ग महिला के बेटे दिलीप चांडक का कहना है कि 3 अक्टूबर की सुबह जब वो मॉर्चुरी में शव लेने गए तो डीप फ्रीजर बंद था. इतना ही नहीं शरीर के अंगों को चूहे कुतर रहे थे. परिजन ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है.
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ यशवंत ध्रुव ने कहा कि शव को चूहों ने काटा है, ऐसी जानकारी हमें मिली है. जब शव को रखा गया था, उस समय जिस वार्ड बॉय की ड्यूटी थी, उसे बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि वॉर्ड बॉय ने डीप फ्रीजर का दरवाजा खुला छोड़ दिया हो और इसमें चूहे घुस गए हों। हम मामले की जांच कर रहे हैं. इसमें गलती पाई जाती है कार्रवाई करेंगे.
इस मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व वन मंत्री और बीजेपी नेता महेश गागड़ा ने लापरवाही के लिए पूरी तरह स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि कलेक्टर को समय-समय पर ये देखना चाहिए की जिला अस्पताल में व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं या नहीं है. इस लापरवाही के लिए CMHO और सिविल सर्जन पर कार्रवाई होनी चाहिए.
बीजापुर जिला अस्पताल में कुल 9 मर्चुरी बॉक्स हैं. यानी एक साथ 9 शव रखे जा सकते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन व्यवस्था ठीक करने पर ध्यान नहीं देता है इसीलिए ऐसी दिक्कतें हमेशा बनी रहती हैं.