किसानों की मांगें और भारत बंद का नक्सलियों ने भी समर्थन किया है. दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता और नक्सली लीडर विकल्प ने प्रेस नोट जारी किया है.
नक्सली लीडर का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 10 सालों में कॉरपोरेट घरानों का 7 लाख करोड़ रुपए लोन माफ कर दिया, लेकिन किसानों की 12 सूत्रीय मांग पूरी नहीं कर रहे. अन्नदाताओं के साथ दुश्मनों जैसा बरताव हो रहा है.
विकल्प के प्रेस नोट में लिखा है कि MSP की कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने, कर्ज माफी, लखीमपुरी के दोषियों को सजा, पीड़ितों को न्याय, बिजली बिल संशोधन को वापस लेने, आदिवासी इलाकों में 5वीं अनुसूची लागू करने जैसी 12 मांगें शामिल हैं. ये सारी मांगें पिछले आंदोलन के समय की हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन मांगों को पूरा करने के लिए आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक इसे पूरा नहीं किया गया है.
प्रेस नोट में लिखा है कि अपनी मांगों को लेकर किसान दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं, लेकिन सरकार आंदोलन करने वाले किसानों को रोक रही है. उन्हें देशद्रोही और आतंकवादी का नाम दिया जा रहा है, जो गलत है. नक्सली लीडर ने कहा कि किसानों के समर्थन में आज भारत बंद का आह्वान किया गया है. नक्सल संगठन भी बंद का समर्थन कर रही है.