अंबेडकर अस्पताल बिल्डिंग के पीछे जर्जर हो चुके हॉस्टल भवन को जमींदोज कर वहां 700 बिस्तर का नया सुपर स्पेशलिटी अस्पताल अब आकार लेगा. इसका ले आउट तैयार करने के साथ ही अस्पताल के किस हिस्से में क्या होगा? कौन-कौन से विभागों को अंबेडकर अस्पताल से यहां शिफ्ट किया जाएगा, इसकी प्लानिंग कर ली गई है. नए अस्पताल भवन में सबसे पहले महिलाओं का गायनी और बच्चों का पीडियाट्रिक विभाग शिफ्ट किया जाएगा. इन विभागों को नए अस्पताल भवन में शिफ्ट किए जाने के बाद अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए पर्याप्त जगह रहेगी.
नए अस्पताल भवन का पूरा ग्राउंड फ्लोर महिला मरीजों के लिए तो प्रथम तल बच्चों के लिए रहेगा. अभी दोनों विभाग अंबेडकर अस्पताल में ग्राउंड फ्लोर पर हैं. यहां कई बार जगह कम पड़ने की वजह से महिला वार्ड में एक-एक बेड पर दो-दो मरीजों को रखकर उनका इलाज किया जाता है. हालांकि यहां महिला मरीजों के लिए ही सबसे ज्यादा 5 वार्ड हैं. इसके बावजूद बिस्तर कम पड़ते हैं. यही स्थिति मेडिसिन वार्ड की रहती है.
मौसम बदलने पर जब-जब वायरल फीवर फैलता है, तब-तब मेडिसिन वार्ड में मरीजों के लिए बिस्तर कम पड़ते हैं. यहां जमीन पर गद्दा बिछा कर मरीजों का इलाज किया जाता है. नया अस्पताल भवन बनने से महिला और बच्चों का वार्ड वहां शिफ्ट हो जाएगा. इससे आठ वार्ड और नर्सरी वाला एक वार्ड खाली हो जाएगा. नयी व्यवस्था में मेडिसिन और अन्य विभाग जिसमें बिस्तर कम पड़ते हैं उनके लिए अतिरिक्त वार्ड उपलब्ध रहेंगे.
अंबेडकर अस्पताल की मौजूदा स्थिति
- अस्पताल में 1248 बेड हैं, इसमें कैसर विभाग भी शामिल.
- ओपीडी में रोज औसतन 2500 मरीज पहुंचते हैं.
अस्पताल के ओटी कांप्लेक्स व इमरजेंसी मिलाकर 20 ओटी. - बुजुर्गों को जिरियाट्रिक वार्ड अलग, ताकि उन्हें दिक्कत न हो.
अंबेडकर अस्पताल में अभी बच्चों के दो वार्ड तो आमने-सामने हैं, लेकिन उनकी NICU और नर्सरी अस्पताल के अलग हिस्से में है. इससे जन्म के तुरंत बाद किसी न किसी वजह से गंभीर स्थिति में पहुंचने वाले बच्चों को NICU या नर्सरी में रखा जाता है. उनका इलाज करने में डाक्टरों को दिक्कत होती है. नई बिल्डिंग में ये समस्या भी दूर हो जाएगी. बच्चों का वार्ड और NICU सब एक ही जगह रहेंगे. इससे डॉक्टरों को इलाज में परेशानी नहीं होगी. जरूरत पड़ने पर डॉक्टरों तुरंत उपलब्ध रहेंगे.
अस्पताल में अभी गर्भवती महिलाओं का OT अलग जगह है. OPD वाला हिस्सा अलग है. पांच वार्ड भी सिस्टम से नहीं हैं, बल्कि एक दूसरे से अलग-अलग और दूर हैं. नए अस्पताल भवन गर्भवती महिलाओं की OPD, ऑपरेशन थियेटर और वार्ड आसपास रहेंगे.
अंबेडकर में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस वजह से गलियारे से लेकर OPD में खासी भीड़ रहती है. नया अस्पताल भवन तैयार होने के बाद यहां गर्भवती महिलाओं का जचकी वार्ड व बच्चों का विभाग शिफ्ट करने के बाद नेत्र, मनोरोग और ENT विभाग को भी शिफ्ट किया जाएगा.
अस्पताल परिसर में पार्किंग के लिए जगह इतनी कम पड़ने लगी है कि सुबह OPD के समय यहां मरीजों को बाइक रखने के लिए जगह तलाश करनी पड़ती है. गायनी और बच्चों का विभाग अस्पताल परिसर के दूसरे हिस्से में नई बिल्डिंग में शिफ्ट होने से वहां जाने वाले मरीज अपने वाहन उसी भवन के पास बनने वाली नई पार्किंग में रखेंगे. इससे अस्पताल के इस हिस्से की पार्किंग की समस्या दूर होगी.