बिना पुष्य नक्षत्र और धनतेरस के ही बीते तीन दिनों में सराफा बाजार में दीवाली मन गई. बताया जा रहा है कि अकेले रायपुर व दुर्ग में ही ₹2000 के नोट खपाने लगभग 100 किलो से अधिक के सोने की बिक्री हो चुकी है, इनकी कीमत लगभग 70 करोड़ से अधिक बताया जा रहा है. सराफा की इस दीवाली में खास बात यह रही कि सराफा बाजार में सन्नाटा रहा और उपभोक्ताओं के आए बिना ही खरीदारी हो गई और माल भी उनके पास पहुंच गया. एक ओर 2000 के नोट खपाने वालों की खरीदारी बढ़ गई है, वहीं सोने की कीमतों में तेजी के कारण आम उपभोक्ता अभी भी सराफा से थोड़े गायब है.
मालूम हो कि बीते शुक्रवार को 2000 के नोट चलन से बाहर की खबर आई थी, तब रायपुर में सोना ₹70 हजार प्रति 10 ग्राम(स्टैंडर्ड) और चांदी प्रति किलो ₹80 हजार तक बिकी थी. इसके साथ ही सटोरियों के सक्रिय होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना महंगा हो गया है.
बीते दिनों लगातार घट रहे सोने की कीमतों में बढ़ोतरी शुरू हो गई है. सप्ताह के पहले दिनों सोना रायपुर सराफा बाजार में ₹62600 प्रति दस ग्राम(स्टैंडर्ड) बिका. वहीं चांदी की कीमतें भी ₹74350 प्रति किलो गई. सराफा विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की कीमतों में अभी तेजी के ही संकेत हैं.
₹2000 के नोट खपाने के लिए पेट्रोल पंपों में भी दोपहिया व चारपहिया फूल टैंक होने लगे है, इसके चलते पेट्रोल डीजल की खपत भी काफी बढ़ गई है. बताया जा रहा है कि पेट्रोल पंपों द्वारा उन उपभोक्ताओं को ज्यादा खरीदारी लाने या चिल्हर लाने कहा जा रहा है जो पेट्रोल कम का भरवा रहे है और बदले में ₹2000 के नोट दे रहे हैं. कुछ पेट्रोल पंपों में उन उपभोक्ताओं से ₹2000 के नोट लेने में आनाकानी भी की जा रही है.
आज से उपभोक्ताओं को ₹2000 के नोट जमा करने लिए बैंक जाना पड़ेगा. बताया जा रहा है कि कैश डिपॉजिट मशीन उनके 2000 के नोटों को स्वीकर नहीं करेगी, क्योंकि इन मशीनों में 2000 के नोट जमा होने लगे तो जब उपभोक्ता पैसे निकालेगा तो उसे वापस ये नोट मिल सकते हैं. बैंकों में ₹2000 का नोट बिल्कुल सामान्य ढंग से जमा होंगे और उपभोक्ताओं को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है.