प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 30 सितंबर को बिलासपुर और 3 अक्टूबर को जगदलपुर आएंगे. चुनावी वर्ष में मोदी तीन महीने के भीतर प्रदेश में क्रमश: तीसरी व चौथी सभा लेंगे. राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो प्रधानमंत्री का यह प्रवास छत्तीसगढ़ भाजपा के लिए संजीवनी बूटी से कम नहीं है.
एक तरफ दंतेवाड़ा से 12 सितंबर और जशपुर से 15 सितंबर को शुरू हुई भाजपा की परिवर्तन यात्रा से भाजपाइयों का मनोबल बढ़ा हुआ है. वहीं अब प्रधानमंत्री बिलासपुर में परिवर्तन यात्रा के समापन के मौके पर भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे. मोदी मिशन-2023 के चुनावी रण में 90 विधानसभा सीटों पर जीत के लिए उनका हौसला बढ़ाएंगे.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा संभाग बिलासपुर है. जहां आठ जिलों में 24 विधानसभा सीट आती हैं. इस इलाके में सभी राजनीतिक पार्टियां जोर लगा रही हैं. इसमें से कांग्रेस के पास 13, भाजपा के पास 07, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) 02 और बहुजन समाज पार्टी के पास 02 सीट है.
छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) से अलग हुए धर्मजीत सिंह अब भाजपा में शामिल हो गए हैं. जबकि बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों में सभी में कांग्रेस के विधायक काबिज हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री के दौरे से बिलासपुर के साथ-साथ बस्तर को भी साधने की रणनीति है.
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 14 सितंबर को रायगढ़ में 6,350 करोड़ की रेल परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित किए थे. उन्होंने यहां आमजन की सभा भी ली थी. वहीं रायपुर में सात जुलाई को उन्हाेंने 7600 करोड़ की सौगात दी थी. प्रधानमंत्री का दौरा आने वाले विधानसभा चुनाव के हिसाब से बहुत अहम माना जा रहा है.