उत्तर छत्तीसगढ़ के साथ पड़ोसी राज्य झारखंड व ओडिशा में ‘एक गांव, एक मंदिर अभियान’ की शुरुआत की गई है. इसके तहत अब तक लगभग 40 से अधिक मंदिरों का निर्माण कराया जा चुका है. कई गांवों में मंदिर निर्माण प्रगति पर है. यह सारा कार्य जनसहयोग से किया जा रहा है.
दक्षिणी ओडिशा सीमा से लगे ग्राम पंचायत भेलवा के आश्रित ग्राम बनखेता से इस अभियान की शुरुआत की गई थी. यह अभियान सरगुजा संभाग के सभी जिलों में शुरू हो गया है. ऑपरेशन घर वापसी और धर्म जागरण समन्वय समिति के माध्यम से अभियान चलाया जा रहा है. इसका उद्देश्य मतांतरण रोकना, मतांतरित लोगों की घर वापसी के साथ उनमें जागृति लाकर अपने मत में रखना और समाज में समरसता का भाव विकसित करना है. गांव में बने मंदिरों में हर मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ किया जा रहा है. मंदिर निर्माण में गांव वाले अपने सामर्थ्य के अनुसार आर्थिक सहयोग करने के साथ श्रमदान भी कर रहे हैं. धर्म जागरण समन्वय के संस्कृति आयाम प्रमुख कपिल देव शास्त्री बताते हैं कि यह अभियान दूरगामी सोच का परिणाम है. इसके माध्यम से एक ही मत को मानने वाले लोग न सिर्फ जागरूक हुए हैं बल्कि वे अपने गांव को मतांतरण से सुरक्षित रखने में सफल हो रहे है.
गांवों में मंदिर निर्माण से पहले बैठकें होती है. संस्कृति, परंपरा को अक्षुण्य बनाए रखने का संकल्प लिया जाता है. इसी बैठक में मंदिर निर्माण के भूमिपूजन की तिथि निर्धारित होती है. उस तिथि को समूचा गांव उत्सव की तरह एक स्थान पर एकत्रित होता है. गांव के किसी एक जलस्रोत से जल उठाकर शोभायात्रा निकाली जाती है. निर्धारित स्थल पर पूजा-अर्चना के बाद मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी जाती है.
घर वापसी अभियान के प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा कि गांवों में धर्म रक्षा समितियों के माध्यम से अभियान को गति दी जा रही है. मतांतरण सीधे-सीधे संस्कृति पर आक्रमण है. मंदिर बन जाने, एक साथ बैठने, धार्मिक आयोजनों से लोग अपनी सभ्यता और संस्कृति से जुड़े रहते हैं.