मंगलवार की सुबह से ही रायपुर एम्स की स्वास्थ्य सेवाएं कर्मचारियों के हडताल की वजह बुरी तरह प्रभावित रहीं. अस्पताल के सैकड़ों कर्मचारी एक साथ हड़ताल पर बैठ गये. अकारण नौकरी से हटाए जाने को लेकर कर्मचारी लगातार नौकरी से हटाए जाने का विरोध कर रहे हैं.
ये सारे के सारे ठेका कर्मचारी रायपुर एम्स प्रबंधन पर रेगुलर स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने और कर्मचारियों को अकारण हटाने के खिलाफ हैं.
कर्मचारियों का कहना है कि इन्हें हटाकर एम्स प्रबंधन भर्ती प्रक्रिया शुरू कर रेगुलर स्टाफ की भर्ती करने वाली है. जिसके कारण लगभग 700 ठेका कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है. हम बेरोजगार हो जाएंगे तो परिवार की रोजी-रोटी भी प्रभावित होगी. कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल एम्स के डायरेक्टर से मुलाकात करने भी गया था लेकिन एम्स के डायरेक्टर ने कर्मचारियों से मुलाकात करना भी मुनासिब नहीं समझा.
कर्मचारियों का कहना है कि कोविड काल के दौरान अपने घर परिवार को छोड़कर एम्स हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दी हैं. बावजूद इसके एम्स प्रबंधन हमें नौकरी से निकालने के लिए तैयार हो गया है. ठेका आउटसोर्स के माध्यम से काम करने वाले कर्मचारी रायपुर एम्स हॉस्पिटल में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
ठेका आउटसोर्स के माध्यम से काम करने वाले कर्मचारी एम्स हॉस्पिटल में पिछले 10-12 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एम्स हॉस्पिटल में LDC, डाटा एंट्री ऑपरेटर, स्टोर कीपर, वायरमैन, इलेक्ट्रिकल. लैब टेक्नीशियन, लिफ्टमेन, फार्मासिस्ट, ऑपरेशन थियेटर टेक्निशियन जैसे तमाम विभागों में ठेका कर्मचारी काम कर रहे हैं. रेगुलर स्टाफ की भर्ती होने से इनको अपने काम से निकाले जाने का डर भी सताने लगा है. जिसके कारण मंगलवार को एम्स हॉस्पिटल के गेट नंबर 4 पर इन कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया और काम बंद कर दिया है. जिससे एम्स में कई तरह की सेवाएं भी प्रभावित हो रही है.