ED की टीम ने एक बार फिर से छापेमार कार्रवाई की है. प्रदेश में ED ने ₹2000 करोड़ के आसपास के शराब घोटाले का दावा किया है. इस मामले में रायपुर के कारोबारी अनवर ढेबर ED ने हिरासत में लिया है और लगातार महापौर एजाज ढेबर को भी पूछताछ के लिए ED दफ्तर में बुलाया जा रहा है. आज हुई छापेमारी के तार इसी कार्रवाई और घोटाले से जुड़े हैं.
खबर है कि अनवर से पूछताछ में छत्तीसगढ़ के बड़े ऐसे कारोबारियों के नाम सामने आए हैं जो हवाला का काम भी कर रहे थे. बड़ी मात्रा में रकम को विदेशी खातों में ट्रांसफर कर दिया करते थे, इसके अलावा कुछ ऐसे नाम भी सामने आए हैं जो आबकारी विभाग के अधिकारियों और कुछ नेताओं के साथ मिलीभगत करके शराब में अवैध पैसा बना रहे थे.
मंगलवार को जिनके ठिकानों पर ED के दबिश देने की खबर है, उनमें रवि बजाज, सुमित मालू और भिलाई के रहने वाले अरविंद सिंह शामिल हैं. इन सभी के ठिकानों पर ED की टीम सर्चिंग जारी है.
28 मार्च को ED की टीम जमीन कारोबारी सुरेश बांदे, CA प्रतीक जैन और कांग्रेस से जुड़े नेताओं के ठिकानों पर पहुंची थी. 29 मार्च को रायपुर में IAS अनिल टुटेजा, शराब कारोबारी बलदेव सिंह भाटिया, भिलाई के होटल संचालक विनोद सिंह, रायपुर के महापौर एजाज ढेबर और उनके भाई के घर पहुंची.
भिलाई के नेहरू नगर निवासी एन उदय राव, शराब कारोबारी पप्पू बंसल, स्मृति नगर निवासी अतुल सिंह, नेहरू नगर निवासी संजीव फतेपुरिया, आबकारी अफसर एपी त्रिपाठी के ठिकानों पर जांच की गई थी. इस छापे में ED को कई सबूत मिले और अब यह सभी ईडी के रडार पर हैं.
ED ने आधिकारिक तौर पर दावा किया है कि कारोबारी ढेबर और उसके साथियों ने प्रदेश में शराब के नाम पर एक सिंडिकेट खड़ा किया, जो सरकारी दुकानों में शराब की बोतल पहुंचने तक अपना मुनाफा उसमें जोड़ लिया करता था. इसमें शराब की बोतल बनाने से लेकर शराब की लेबलिंग करने वालों तक से वसूली की गई. बड़ी तादाद में रकम दुबई भेजी गई.
ED की टीम ने एक बार फिर से छापेमार कार्रवाई की है. प्रदेश में ED ने ₹2000 करोड़ के आसपास के शराब घोटाले का दावा किया है. इस मामले में रायपुर के कारोबारी अनवर ढेबर ED ने हिरासत में लिया है और लगातार महापौर एजाज ढेबर को भी पूछताछ के लिए ED दफ्तर में बुलाया जा रहा है. आज हुई छापेमारी के तार इसी कार्रवाई और घोटाले से जुड़े हैं.
खबर है कि अनवर से पूछताछ में छत्तीसगढ़ के बड़े ऐसे कारोबारियों के नाम सामने आए हैं जो हवाला का काम भी कर रहे थे. बड़ी मात्रा में रकम को विदेशी खातों में ट्रांसफर कर दिया करते थे, इसके अलावा कुछ ऐसे नाम भी सामने आए हैं जो आबकारी विभाग के अधिकारियों और कुछ नेताओं के साथ मिलीभगत करके शराब में अवैध पैसा बना रहे थे.
मंगलवार को जिनके ठिकानों पर ED के दबिश देने की खबर है, उनमें रवि बजाज, सुमित मालू और भिलाई के रहने वाले अरविंद सिंह शामिल हैं. इन सभी के ठिकानों पर ED की टीम सर्चिंग जारी है.
28 मार्च को ED की टीम जमीन कारोबारी सुरेश बांदे, CA प्रतीक जैन और कांग्रेस से जुड़े नेताओं के ठिकानों पर पहुंची थी. 29 मार्च को रायपुर में IAS अनिल टुटेजा, शराब कारोबारी बलदेव सिंह भाटिया, भिलाई के होटल संचालक विनोद सिंह, रायपुर के महापौर एजाज ढेबर और उनके भाई के घर पहुंची.
भिलाई के नेहरू नगर निवासी एन उदय राव, शराब कारोबारी पप्पू बंसल, स्मृति नगर निवासी अतुल सिंह, नेहरू नगर निवासी संजीव फतेपुरिया, आबकारी अफसर एपी त्रिपाठी के ठिकानों पर जांच की गई थी. इस छापे में ED को कई सबूत मिले और अब यह सभी ईडी के रडार पर हैं.
ED ने आधिकारिक तौर पर दावा किया है कि कारोबारी ढेबर और उसके साथियों ने प्रदेश में शराब के नाम पर एक सिंडिकेट खड़ा किया, जो सरकारी दुकानों में शराब की बोतल पहुंचने तक अपना मुनाफा उसमें जोड़ लिया करता था. इसमें शराब की बोतल बनाने से लेकर शराब की लेबलिंग करने वालों तक से वसूली की गई. बड़ी तादाद में रकम दुबई भेजी गई.