रायपुर के एक मॉल में मंगलवार की शाम हुई दुर्घटना में 5 माह 15 दिन के बच्चे की माैत के बाद अब शासन ने इस पर संज्ञान लिया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इंटरनेट मीडिया में पोस्ट के जरिए राजधानी सहित प्रदेशभर के सभी मॉल में सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम का ऑडिट करवाने के निर्देश दिए हैं.
इसी बीच राजधानी के कुछ मॉल प्रबंधनों द्वारा सुरक्षा के दृष्टिाकोण से गार्ड की तैनाती की जा रही है, जो कि आने-जाने वाले लोगों का ध्यान रखने के अलावा बिना माता-पिता के अकेले घूमते बच्चों पर भी नजर रख रहे हैं और उन्हें इस पर चढ़ने या फिर मस्ती करने से रोक रहे हैं.
इसी बीच इस दर्दभरी घटना के बाद किसी भी मॉल में अब तक कांच या फिर जाली लगाकर इसे ऊंचा करने के लिए कोई बंदोबस्त नहीं किए गए हैं, जबकि कायदे से इस तरह की घटनाओं से बचाने के लिए यही एकमात्र उपाय है. न कि गार्डों को तैनाती करने का. वहीं, जिस मॉल में ऊपर की दुकानें खाली हैं, वहां न तो सुरक्षा की दृष्टिकोण से गार्ड ही खड़ा किया गया है और न ही कोई दूसरे इंतजाम किए जा रहे हैं.
नईदुनिया ने इस संदर्भ में उपभोक्ता मामलों के विशेषज्ञों से चर्चा की ताे सामने आया कि सेवा शुल्क जब लिया जाता है और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बरती जाती है, तो मामला बनता है, लेकिन अगर कोई शुल्क नहीं लिया गया और इस तरह की घटना होती है, तो इस पर हाईकोर्ट स्वत: संज्ञान ले सकता है या फिर पीड़ितों को इसे लेकर याचिका लगानी होगी.
नईदुनिया की टीम जब मैग्नेटो मॉल पहुंची, तो यहां गार्ड की तैनाती कर दी गई है, जो कि बच्चों के अलावा सभी लोगों पर नजर रख रहे हैं, लेकिन यहां भी अब तक ऊंचा कांच या फिर ग्रिल नहीं लगाई गई है. इसकी वजह से भविष्य में इस तरह की घटना से इंकार नहीं किया जा सकता.
36 मॉल में तो और भी ज्यादा लापरवाही बरती जा रही है. यहां मौजूद लोगों ने बताया कि ऊपर का माले की दुकानें अब भी खाली हैं, इसकी वजह से यहां ऐसे कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. वहीं, आगे जाकर दुकानें किराए पर जाने की स्थिति में इसे लेकर व्यवस्था बनाई जा सकती है.