श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में चल रहे 8 दिवसीय श्रीसिद्ध चक्र महामण्डल विधान में चौथे दिन भगवान शांतिनाथ की वृहद शांतिधारा का वाचन ब्रह्मचारी विजय भईया गुणायतन द्वारा किया गया. ट्रस्ट मंदिर कमेटी के अध्यक्ष संजय जैन नायक ने बताया कि विधान में सैकडों श्रद्धालुओं ने पुष्पदंत भगवान का स्वर्ण कलशों से अभिषेक कर पूजा अर्चना की. साथ ही चमत्कारिक रिद्धि सिद्धि प्रदाता शांति धारा करने का सौभाग्य दिलीप निकुंज जैन गुढियारी को प्राप्त हुआ.
विधान की पूजा में चौथे वलय की आराधना करके इन्द्र इन्द्राणियों ने 128 श्रीफल अघ्र्य समर्पित किए. इस अवसर पर ब्रम्हचारी विजय भईया गुणायतन ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि भगवान की पूजा अर्चना करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और सुख दु:ख तो आते जाते हैं.
अपने अपने कर्मो का फल सबको मिलता है. बड़े मंदिर में सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में ब्रह्मचारी विजय भईया के सान्निध्य में चल रहे सिद्धचक्र मण्डल विधान की मधुर भक्तिमय संगीत से महा अर्चना हुई, जिसमें प्रथम बार 300 श्रावक श्राविकाओं ने एक साथ महा आराधना की. सभी ने संगीतमय भजनों पर नृत्य भी किया इस अवसर पर ट्रस्ट कमेटी एवं कार्यकारणीगण के साथ साथ समाज के धर्म प्रेमी बंधु सदस्य उपस्थित थे.
इस कार्यक्रम पर जैन फाउंडेशन के अध्यक्ष सोहिल जैन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इस कार्यक्रम को धर्म के प्रति लोगों की आस्था का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज के लोगों को एकजुट करने का कार्य करते हैं और इससे आने वाली नई पीढ़ी को भी धर्म के प्रति ज्ञान मिलता है.