मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शनिवार को आईजी-SP सम्मेलन में कहा कि अपराध, नशाखोरी और अवैध गतिविधियों पर हमारी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है. अपराधों पर लगाम नहीं लगी तो संबंधित जिले के SP पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. थाना स्तर के पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी.
नवा रायपुर के पुलिस मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पुलिस को लेकर अपराधियों के मन में डर और आम जनता के मन में सेना की तरह सम्मान होना चाहिए. अधिकारियों से कहा कि पुलिस का व्यवहार अपराधियों के लिए कठोर हो और आमजनों के लिए उतना ही नम्र और मृदु होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अवैध शराब, जुआ, सट्टा जैसी सामाजिक बुराइयां समाज को अंदर तक खोखला कर देती हैं. जब युवा इससे प्रभावित होते है, तो यह सर्वाधिक चिंताजनक है. साय ने कहा कि पुलिस विभाग अनुशासित विभाग है. पुलिस अधिकारियों में यह अनुशासन दिखना चाहिए, जो अनुशासित और अपराध मुक्त समाज की स्थापना में मील का पत्थर साबित होगा.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रदेश के माओवाद प्रभावित क्षेत्र में हमारे जवान कठिन परिस्थितियों में उनका डटकर मुकाबला कर रहे हैं. उन्होंने संदेश दिया कि छत्तीसगढ़ सरकार हर मोर्चे पर पुलिसकर्मियों के साथ खड़ी है और उनके सुविधाओं में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. पुलिस के कल्याण के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं.
समय पर पदोन्नति, आवास, इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित संसाधनों की आपूर्ति के लिए व्यवस्थाएं की हैं. इसे आगे भी जारी रखेंगे. छत्तीसगढ़ शासन के वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट का उल्लेख करते हुए कहा कि इस बजट में पुलिस विभाग के लिए बड़ी राशि आवंटित की गई है. यह बजट कानून का राज स्थापित करने में निर्णायक साबित होगा.
उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि साय सरकार के पहले बजट में गृह विभाग को काफी कुछ मिला है. पिछले वर्ष के बजट की तुलना में गृह विभाग के बजट में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस बजट में नक्सल ऑपरेशन में जाने वाले जवानों के लिए राशन का बैग और स्पाइक रेसिस्टेंट शूज का प्रावधान किया गया है.
जिससे अब नक्सल ऑपरेशन में जाने वाले जवानों को सुविधा होगी. पुलिस विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारियों की सुविधाओं में वृद्धि के लिए भी इस बजट में प्रावधान किए गए हैं. हमारे मुख्यमंत्री के हृदय में बड़े अधिकारी से लेकर आरक्षक तक के अधिकारी के लिए समान रूप से संवेदना है. हम सबका कर्तव्य है कि अपराध हुआ तो अपराधी को जल्द से जल्द पकड़ लें.
शर्मा ने कहा कि समाज में वातावरण बने कि अपराध ही न हो और इसी लक्ष्य के साथ अधिकारियों को अपने दायित्वों का पालन करना चाहिए. पुलिस का कप्तान यह ठान लें कि जिले में अपराध न हो, नशे का व्यापार न हो तो वह बिल्कुल नहीं होगा. छत्तीसगढ़ शांति का टापू था, इसे हम फिर से शांति के टापू के रूप में स्थापित करेंगे, उन्होंने यह संकल्प दोहराया.
इस कान्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े कई मुद्दों पर बातचीत की. जिसमें नक्सल ऑपरेशन, मजबूत पुलिसिंग, ड्रग्स, साइबर क्राइम, महिला सुरक्षा, पेंडिंग केस, तस्करी और अंतर्विभागीय समन्वय मुख्य है.
छत्तीसगढ़ में 46 IPS अफसरों के बड़ी फेरबदल के बाद यह पहला सम्मेलन था. जिसमें कई जिलों के नवनियुक्त SP और रेंज के IG शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने कई अफसरों से उनके प्रभार क्षेत्रों का फीडबैक भी लिया.
इस सम्मेलन में राज्य के सभी रेंज के आईजी और सभी जिलों के SP मौजूद थे. इस सम्मेलन को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, गृह मंत्री विजय शर्मा ने संबोधित किया. सम्मेलन में राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस DGP अशोक जुनेजा, गृह सचिव भी मौजूद रहे.