राजधानी में जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है चोरी-डकैती करने वाले गिरोह भी सक्रिय होते जा रहे हैं. इसमें यूपी, बिहार, ओडिशा, बंगाल, हरियाणा से लेकर बांग्लादेशी गिरोह भी शामिल हैं. नेपाल का गिरोह भी रायपुर में कई वारदात कर चुका है. इन्हीं गिरोहों में शामिल बांग्लादेश गिरोह ने तीन दिन के भीतर सवा करोड़ से ज्यादा की चोरी की है.
पुलिस के मुताबिक ऐसे 6 से ज्यादा खतरनाक गिरोह हैं, जो केवल ठंड के सीजन में ही आते हैं. ये इतने खतरनाक होते हैं कि घटना के दौरान हत्या करने से भी नहीं चूकते हैं. रायपुर पुलिस ने इन गिरोहों को लेकर अलर्ट जारी किया है. पुलिसवालों ने मकानों को सूना छोड़कर जाने वालों से अपील की है कि वे पड़ोसी और रिश्तेदारों को बाहर जाने की सूचना जरूर दें. जरूरत पड़े तो थाने को भी बताएं.
ASP सिटी, लखन पटले ने बताया की बाहरी गिरोह को लेकर सभी थानों को अलर्ट जारी किया गया है. इस पर फोकस होकर जांच की जा रही है. आउटर में गश्त भी बढ़ाई गई है.
इस गिरोह में पश्चिम बंगाल के 24 परगना में रहने वाले बांग्लादेशी घुसपैठिये शामिल हैं. इसमें महिलाएं भी होती हैं. यह गिरोह पहले मकान किराए पर लेता है. फिर फेरी करके रेकी करता है. घटना को अंजाम देने के बाद बंगाल भाग जाते हैं. इस गिरोह ने रायपुर में नवंबर में माना इलाके में चोरी की थी. पुलिस ने बंगाल की 2 महिलाएं समेत 3 लोगों को पकड़ा है. चोरी में शामिल पुरुष सदस्य फरार हो गए हैं.
बिहार के मोतीहारी और घोड़ाहसन का गिरोह चादर की आड़ में चोरी करता है. यह गिरोह ट्रेन से आता है. स्टेशन के आसपास ठहरता है. ये ज्यादातर मोबाइल, घड़ी और सराफा दुकानों को निशाना बनाते हैं. रात में दुकान बंद होने पर चादर ओढ़कर सो जाते हैं. फिर चादर के आड़ में शटर काटते हैं. इस गिरोह ने पिछले साल गुढ़ियारी में चोरी की थी. नेपाल बॉर्डर से इस गिरोह के चार नाबालिगों को पकड़ा गया था.
झारखंड साहबगंज चोर गिरोह बस से आता है. शहर के आउटर में अपना ठिकाना बनाता है. गिरोह के सदस्य खिड़की के रास्ते या शटर तोड़कर चोरी करते हैं. चोरी के बाद तुरंत शहर छोड़ देते हैं. बस से भागना पसंद करते हैं। चोरी का माल नेपाल में खपाते हैं. इस गिरोह ने डेढ़ साल पहले कबीर नगर इलाके में चोरी की है. इसमें 5 से ज्यादा युवक रहते हैं. चोरी के बाद बिहार के 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
MP-धार के जनजाति गिरोह को पत्थर गिरोह के नाम से जाना जाता है. यह गिरोह हमेशा पत्थर लेकर चलता है. वारदात के दौरान पत्थर से हमला करते हैं. आउटर की कॉलोनियों व मकानों को निशाना बनाते हैं. इस गिरोह ने इस साल जनवरी-फरवरी में विधानसभा और धरसींवा थाना क्षेत्र में 3 बड़ी चोरी की है. इस साल 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
हरियाणा का मेवात गिरोह आउटर के मोबाइल दुकान और एटीएम में घटनाएं करते हैं. कटर लेकर चलते हैं. शटर काटकर चोरी करते हैं. ATM भी उखाड़कर ले जाते हैं. गिरोह में 3-4 लोग होते हैं. ज्यादातर खुद की गाड़ी में आते हैं. डेढ़ साल पहले कबीर नगर और धरसींवा में चोरी की थी. पुलिस ने चोरी में शामिल तीन लोगों को दिल्ली में पकड़ा था.
इसमें बलांगीर और गंजाम का गिरोह शामिल है. गिरोह के सदस्य रोजी-मजदूरी करने आते हैं. किराए पर मकान लेकर रेकी करते हैं. आधी रात को घटना को अंजाम देते हैं. मोबाइल का उपयोग नहीं करते हैं, ताकि पुलिस ट्रेस न कर सके. इसी गिरोह ने नवंबर में शैलेंद्र नगर में चोरी की थी. 1 माह पहले दो महिला समेत 4 लोग पकड़े गए हैं.