सप्ताह भर की थकान मिटाने के लिए संगीत एक बेहतर माध्यम की तरह कार्य करता है. इसलिए हर वीकेंड शनिवार और रविवार को राजधानी के विभिन्न हिस्सों में संगीत संध्या का आयोजन किया जाता है, जहां संगीत प्रेमी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. इसी क्रम में शहीद स्मारक भवन में पुलिस बैंड ने पुराने गीतों को अपने बनाए संगीत के माध्यम से प्रस्तुत किया.
DSP जावेद अंसारी ने गाया- मैं कहीं कवि न…, DSP संजय देवस्थले ने कितने भी तू कर ले सितम… और CSP सुरेश ध्रुव ने जीवन के दिन छोटे ही सही… गाकर अपनी गायकी का जादू बिखेरा. इसी तरह मायाराम सुरजन हाल में सदाबहार नगमों से सभागार देर रात तक गूंजता रहा. बड़ी संख्या में पहुंचे संगीत प्रेमी संगीत संध्या के अंतिम गाने की प्रस्तुति का कुर्सी पर जमे रहे.
शहीद स्मारक भवन का सभागार पुराने सदाबहार गीतों से गूंजता रहा. रायपुर पुलिस बैंड टीम ने गीत संगीत से ऐसी प्रस्तुति दी कि शहरवासी धुन में खो गए. CSP सुरेश ध्रुव ने बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है..मेरा महबूब आया है…गीत गाकर श्रोताओं को प्रेम और विरह रस की अनुभूति कराई.
म्यूजिक बैंड के चांद मेरा दिल चांदनी हो तुम… पर बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोता हवा में हाथ लहराते हुए झूमने लगे. दिल दे दिया हैं…, पापा कहते हैं…, आदमी को कहता है… जैसे गानों को लाइव बैंड के साथ सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे. TI धीरज मरकाम ने मेरी तम्मानाओं की तकदीर तुम…, शशि चौहान और अतुल मिश्रा ने दिल तो पागल है…गीतों की प्रस्तुति देकर जबरदस्त माहौल बनाया.