छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण की वोटिंग के बाद से कांग्रेस में समीक्षा का दौर चल रहा है. दो दिनों तक लगातार हुई बैठक में ये बात सामने आई है कि प्रदेश की करीब 27 सीटों पर भितरघातियों से नुकसान हो रहा है. ऐसे में कांग्रेस का 75 सीटें पार करने का समीकरण बिगड़ सकता है. हालांकि पार्टी ने बीच-बीच में कई भितरघाती और बागियों पर निलंबन और निष्कासन की कार्रवाई की है.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा के पास कई जगहों से शिकायत मिलने की भी बात सामने आई थी. उन्होंने रविवार को इंडोर स्टेडियम में मैच देखने के दौरान कांग्रेस प्रत्यााशी और नेताओं से पूछताछ करती रहीं थी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें कहा था- ‘अरे चिंता मत करिए मैडम, हम चुनाव जीत रहे हैं.’
कांग्रेस पार्टी में चुनाव से पहले टिकट बंटवारे के बाद से ही लगातार घमासान देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि कई सीटों पर कांग्रेस के नेता खुलकर बगावत करते नजर भी आए. सक्ती विधानसभा में अनुभव तिवारी प्रत्याशी डॉ. चरणदास महंत के खिलाफ चुनाव लड़ा. पामगढ़ से गोरेलाल बर्मन शेषराज हरबंश के खिलाफ, जशपुर विधानसभा सीट से प्रदीप खेस कांग्रेस प्रत्याशी विनय भगत के खिलाफ, रायपुर उत्तर से अजीत कुकरेजा कुलदीप जुनेजा के खिलाफ चुनाव लड़ा.
वहीं जैजैपुर से टेकचंद्र चंद्रा प्रत्याशी बालेश्वर साहू के खिलाफ, पाली-तानाखार से छत्रपाल सिंह दुलेश्वरी सिदार के खिलाफ, लोरमी से सागर सिंह बैस थानेश्वर साहू के खिलाफ, मुंगेली से रूपलाल कोसरे संजीत बनर्जी के खिलाफ, सरायपाली से विधायक किस्मतलाल नंद चातूरी नंद के खिलाफ, धमतरी से लोकेश्वरी साहू ओंकार साहू के खिलाफ, बालोद से मीना साहू संगीता सिन्हा के खिलाफ और कसडोल से गोरेलाल साहू संदीप साहू के खिलाफ चुनावी मैदान में नजर आए.
चुनावी शोर के बीच बागी तेवर दिखाने वाले नेताओं पर कांग्रेस लगातार निलंबन और निष्कासन की कार्रवाई कर रही है. बिलासपुर के महापौर रामशरण यादव से लेकर कई पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के 24 घंटे के भीतर ही कार्रवाई की गई. रामशरण यादव को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया. उन पर पार्टी संगठन के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी करने का आरोप है.
जिन बागियों को छह साल के लिए निलंबित किया है, उनमें जशपुर से प्रदीप खेस, जांजगीर से गुड्डू महराज, सरायपाली से किस्मतलाल नंद, पामगढ़ से गोरेलाल बर्मन, रायगढ़ से शंकर अग्रवाल, मुंगेली से रूपलाल कोसरे, भाटापारा से मनोहर साहू, संजारी बालोद से मीना साहू, पाली तानाखार से छत्रपाल सिंह कंवर, कवर्धा से योगेश्वर राज सिंह, सामरी से प्रभातबेला मरकाम, लैलूंगा से महेंद्र सिदार, वैशाली नगर से अजहर अली, अंतागढ़ से अनूप नाग, कांति नाग, दंतेवाड़ा से अमूलकर नाग, महासमुंद से विश्वजीत बेहरा और बिलासपुर से प्रेमचंद्र जायसी शामिल हैं.
रायपुर उत्तर- अजीत कुकरेजा, आनंद कुकरेजा, सागर दुल्हानी बिल्हा- शिव ध्रुव, निर्मल दिवाकर लोरमी- महेंद्र सिदार सागर सिंह बैस, सूरज बर्मन, बालोद- सत्येंद्र साहू, पीमन साहू, ललिता साहू, तुकाराम, हलधर, कोंडागांव- मनीष श्रीवास्तव, शिशिर श्रीवास्तव, सुरेश पाटले, कसडोल- गोरेलाल साहू, मनोज अडिल, मरवाही- गुलाब सिंह राज, शंकर पटेल, मुद्रिका सिंह सर्राटी, नारायण आर्मो, अजीत सिंह श्याम, गजरूप सिंह सलाम, दयाराम वाकरे, विवेक पोर्ते, तूफान सिंह धुर्वे और प्रताप सिंह मरावी शामिल हैं। इन्हें निलंबित किया गया.