बालोद जिले के डिग्गी गांव में बोरवेल धंसकने से एक युवक की मौत हो गई. SDRF की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर रविवार रात करीब 2 बजे शव को बाहर निकाला. बोरवेल का मालिक रामकुमार (36) गांव वालों की मदद से सुधार काम कर रहा था. तभी अचानक मिट्टी धंसकने से वो 35 फीट गहराई में चला गया था.
गांव वालों की सूचना पर पहुंची SDRF की 8 सदस्यीय टीम ने 9 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू की. 8 घंटी के कड़ी मशक्कत के बाद रात दो बजे युवक को बाहर निकाला. लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.
रेस्क्यू ऑपरेशन को लीड कर रहे धनीराम यादव ने बताया कि जिस बोरवेल में रामकुमार गिरा वहां की मिट्टी बलुई (पोला) थी. JCB की मदद से बोरवेल के पैरेलल में 10-15 फीट गहरा गड्ढा किया गया. पानी और बालू आने के कारण JCB से खुदाई संभव नहीं हो पा रही थी. फिर लोगों ने खुद खुदाई शुरू की और मिट्टी बाहर निकालकर 35 फीट गहराई तक पहुंचे, तब रामकुमार का शव मिला.
धनीराम ने बताया कि 35 फीट तक नीचे जाने में टीम के ऊपर हर वक्त मौत का खतरा मंडरा रहा था. लगातार मिट्टी धंसक रही थी. ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य सुरक्षा उपकरण की मदद लेकर टीम के सदस्य लगातार रेस्क्यू करते रहे. 8 घंटे के बाद उन्हें सफलता मिली. इस टीम में टीम प्रभारी धनीराम यादव के साथ थानेश्वर, राजेश नेताम, रमेश कुमार, दिलीप कुमार, महेश गंधर्व, चंद्रप्रताप आदि मौजूद रहे.
मृतक रामकुमार के बाड़ी में बोरवेल लगा था. वहां की मिट्टी पोली थी. उसे ठीक करने के लिए उसने गांव के लोगों की मदद ली. रविवार शाम 6 बजे JCB से 5 फीट गहरा गड्ढा किया गया. केसिंग निकालने के दौरान उसका पैर बोरवेल के गड्ढे में पड़ गया और मिट्टी धंसक जाने से वो 35 फिट नीचे जा गिरा. उसके ऊपर मिट्टी गिरने से वो दब गया और सांस नहीं ले पाने से उसकी मौत हो गई.