देश की सबसे तेज चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में एक बार फिर से पथराव हो गया. हालांकि, इस बार RPF की टीम ने पत्थरबाजी करने वाले सात लड़कों को गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गए लड़कों ने बताया कि उन्होंने ट्रेन में सायरन की आवाज सुनने के लिए पथराव किया था. घटना बीते 14 जुलाई को तिल्दा स्टेशन के पास हुई थी, जिससे खिड़की का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया था.
छत्तीसगढ़ में वंदे भारत ट्रेन शुरू होने के पहले ही दिन से पत्थरबाजी की घटनाएं लगातार हो रही थी. एक के बाद एक कर कई वारदात होने के बाद RPF और GRP की टीम ने सर्चिंग अभियान भी चलाया था. हालांकि, जांच के दौरान पत्थरबाज नहीं पकड़े गए. लेकिन, यह जरूर पता चला कि रेलवे ट्रैक के किनारे रहने वाले नाबालिग लड़के वंदे भारत एक्सप्रेस में पथराव करते हैं.
इस तरह की घटना पर रोक लगाने के लिए RPF की टीम ने रेलवे ट्रैक के किनारे रहने वाले लोगों के बीच जाकर जागरूकता अभियान शुरू किया है. इस दौरान निचली बस्तियों के साथ ही गांव के लोगों व बच्चों को समझाइश देकर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई थी, जिसके बाद काफी दिनों तक पत्थरबाजी की घटना पर विराम लग गया था.
बीते 14 जुलाई को दोपहर वंदे भारत एक्सप्रेस नागपुर से निकली थी. ट्रेन देर शाम करीब 6:30 बजे पर तिल्दा स्टेशन के पास पहुंची थी, तभी ट्रेन में पथराव किया गया था. इस घटना में कोच नंबर C-3 की खिड़की का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया था. इसकी जानकारी मिलने पर रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट भाटापारा में केस दर्ज किया गया था. जिसके बाद से आरोपियों की तलाश की जा रही थी.
जांच के दौरान RPF की टीम को पता चला कि घटना के दिन तिल्दा बस्ती के आधा दर्जन से अधिक बच्चे गुलेल लेकर रेलवे ट्रैक के पास कबूतर मारने के लिए घूम रहे थे. इसकी जानकारी मिलते ही उन्होंने नाबालिग लड़कों की तलाश कर उन्हें पकड़ लिया.
पूछताछ में लड़कों ने बताया कि उन्हें बताया गया था कि वंदे भारत एक्सप्रेस में पत्थर मारने से सायरन बजने लगता है. इसको परखने के लिए उन्होंने ट्रेन पर पथराव किया था. RPF ने सभी नाबालिग आरोपियों को बाल न्यायालय रायपुर में पेश किया है.