रायपुर, दुर्ग और भिलाई के बच्चों को अनोखे ढंग से भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा रहा है. विचक्षण जैन विद्यापीठ ट्रस्ट, आध्यात्म से जोड़कर JEE और NEET की तैयारी में जुटे बच्चों को गाइडेंस दे रहा है. इन स्कूली बच्चों से कोई एक्सट्रा फीस नहीं ली जाती. शर्त बस इतनी है कि इन्हें अपनी पढ़ाई की शुरुआत सबसे पहले भजन, ध्यान और आराधना से करनी होती है. कुम्हारी के कैवल्य धाम मंदिर के पास स्टूडेंट्स ध्यान लगाते हर रोज दिख जाते हैं.
स्टूडेंट भी कह रहे हैं कि इससे उनका पढ़ाई में फोकस बढ़ जाता है. बच्चों में पढ़ाई के स्ट्रेस को कम करने और सब्जेक्ट की समझ को बढ़ाने की ओर ये सकारात्मक कदम है. बच्चों को उनके स्कूल टाइम पर ही कॉम्पटेटिव एग्जाम के लिए तैयार किया जा रहा है. 8 से 10 तक के स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेस एग्जाम के फाउंडेश और 11 से 12वीं के बच्चों को मेन एग्जाम की बारिकियां एक्सपर्ट नि:शुल्क बता रहे हैं.
ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेश सवनसुखा और डॉ पंकज चोपड़ा ने बताया हम बच्चों को डे टू डे लाइफ में डिसिप्लिन और जीने का तरीका सिखाने के लिए स्टूडेंट्स को जैन दर्शन, आध्यात्म, संस्कारों की शिक्षा भी दे रहे हैं. कई बार बच्चे प्रतियोगी परिक्षाओं के लिए स्कूल से ड्रॉप लेकर पढ़ाई करते हैं. मगर हम उन्हें ये सिखा रहे हैं कि रूटीन पढ़ाई के साथ ही वो तैयारी कर सकते हैं.