प्रदेश में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए स्कूलों में पढ़ाई तेज कर दी गई है. अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर शिक्षक पाठ्यक्रम को पूरा कराने में जुटे हैं. कुछ ही दिनों में प्रदेश में आचार संहिता लग जाएगी. चुनाव की घोषणा होते ही शिक्षकों को चुनाव कार्य के लिए प्रशिक्षण देना शुरू हो जाएगा.
जिला शिक्षा अधिकारी की तरफ से स्कूलों को समय पर पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए निर्देशित किया गया है, ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो. DEO कार्यालय की तरफ से शिक्षा सत्र शुरू होने के समय से ही कब तक कितना कोर्स पूरा हो जाना चाहिए, यह निर्धारित हो जाता है. लेकिन, इस वर्ष प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने के कारण निर्धारित समय-सारणी के अनुसार पढ़ाई करवाने से पाठ्यक्रम पूरा नहीं होगा.
इसलिए स्कूलों के प्राचार्यों द्वारा अपनी सुविधा के अनुसार कोर्स पूरा करने के लिए शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं. चुनाव के दौरान लगभग एक महीने की पढ़ाई प्रभावित होती है. स्कूलों में मतदान केंद्र बनाए जाते हैं, शिक्षकों की ड्यूटी लगती है.
प्रदेश में चुनाव और त्योहारी सीजन साथ-साथ आते हैं. इसलिए भी पढ़ाई ज्यादा प्रभावित होती है. नवरात्रि, दीपावली जैसे बड़े त्योहारों में लगभग 10 दिनों की छुट्टी रहती है. त्योहार और चुनाव के कारण दो महीनों में लगभग 20 से 25 दिन की पढ़ाई प्रभावित होती है. अभी लगातार त्योहार होने के कारण छुट्टियां भी चल रही हैं.
प्रदेश में दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षाएं फरवरी के अंतिम अथवा मार्च के प्रथम सप्ताह से शुरू हो जाती हैं. चुनाव के बाद बोर्ड की परीक्षा देने वाले छात्रों के पास ज्यादा समय नहीं बचता है. इसलिए दसवीं-बारहवीं कक्षाओं के कोर्स को पूरा करने के लिए शिक्षक ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. फरवरी में प्रायोगिक परीक्षाओं के बाद स्कूलों में छात्रों को प्रिपरेशन लीव दी जाती है. बोर्ड परीक्षार्थियों के पास तैयारी करने के लिए मुख्य समय अक्टूबर से जनवरी तक ही रहता है. इसी दौरान चुनाव भी है.