टूल किट’ मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बुधवार को पूर्व CM डॉ. रमन सिंह और BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को बड़ी राहत दी है. डिवीजन बेंच ने दोनों के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया आपराधिक प्रकरण नहीं बनता है. इसके बाद रमन सिंह ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है.
हाईकोर्ट में संबित पात्रा और रमन सिंह की ओर से BJP के राज्यसभा सदस्य और अधिवक्ता महेश जेठमलानी, विवेक शर्मा, गैरी मुखोपाध्याय ने पैरवी की. तर्क दिया गया कि यह अभिव्यक्ति की आजादी का हनन है. मामला चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में लंबित था. 12 सितंबर को हाईकोर्ट ने मामले में अंतिम सुनवाई की थी. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था.
हाईकोर्ट के फैसले के बाद पूर्व CM रमन सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. रमन सिंह ने कहा कि, हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज कराई गई कांग्रेस की फर्जी FIR को खारिज कर दिया है. छत्तीसगढ़ में ये जो सरकार है इसे अपराधी चला रहे है. मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि ऊपर से नीचे तक इस सरकार में जितने अधिकारी हैं उसमें कोई जेल में है, तो कोई बेल पर है.
कोयला घोटाले में इनके अधिकारी 7 महीने से जेल में हैं. मुख्यमंत्री की निज सचिव सौम्य चौरसिया जेल में है. मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा पर जुए-सट्टे का आरोप है. यहां तक की खुद मुख्यमंत्री बेल पर हैं. ये अपराधियों की सरकार है. इन्होंने FIR को हथियार की तरह उपयोग किया है.
पूर्व CM रमन सिंह ने 18 मई 2021 को अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस का एक कथित लेटर पोस्ट किया था. रमन ने दावा किया था कि इसमें देश का माहौल खराब करने की तैयारी की प्लानिंग लिखी है. विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने दुष्प्रचार और जलती लाशों की फोटो दिखाने का कांग्रेस षड्यंत्र कर रही है.
ऐसा ही पोस्ट BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी की थी. युवा कांग्रेस के नेताओं ने रमन सिंह और संबित पात्रा पर FIR दर्ज कराई थी. रायपुर पुलिस ने दोनों भाजपा नेताओं के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया था.