NEET टॉप 10 में आने वाले प्रदेश के किसी भी छात्र ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश नहीं लिया है. पिछले 10 सालों का ट्रेंड देखें तो नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में 3 से 4 टॉपर प्रवेश लेते रहे हैं. इस पर ट्रेंड बिल्कुल बदल गया है. विशेषज्ञों के अनुसार हालांकि इसका प्रदेश या छात्रों को कोई नुकसान नहीं है. बल्कि टॉपरों के प्रवेश नहीं लेने के कारण इसके नीचे रैंक वाले छात्रों को प्रवेश का मौका मिला है. जो टॉपर सरकारी कॉलेजों में एडमिशन नहीं लिए हैं, वे AIIMS रायपुर, नागपुर समेत दूसरे एम्स में प्रवेश लिए हैं.
मेडिकल कॉलेजों में MBBS कोर्स में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग का पहला राउंड पूरा हो गया है. नेहरू मेडिकल कॉलेज की प्रवेश सूची चौंकाने वाली है. यहां टॉप 11 आने वाले छात्र प्रवेश में सबसे ऊपर है.
छत्तीसगढ़ नीट टाॅपर को 675 व 10वें नंबर पर आने वाले छात्र को 652 नंबर मिले थे. वहीं 11वें नंबर पर रहे प्रवेशित छात्र को 650 अंक मिले हैं. गौर करने वाली बात ये भी है कि टॉप 10 में तीसरे व चौथे नंबर पर रहे छात्रों ने पंजीयन तो कराया, लेकिन चॉइस फिलिंग ही नहीं की.
यानी इन छात्रों को सीटों का आवंटन नहीं किया गया. बाकी छात्रों ने पंजीयन भी कराया, फीस भी जमा की और च्वाइस फिलिंग भी की, लेकिन प्रवेश नहीं लिया. प्रवेश से जुड़े डॉक्टरों के अनुसार वे प्रवेश के दौरान टॉपरों का इंतजार करते रहे. 10 में दो से तीन छात्रों के आने की संभावना थी, लेकिन कोई नहीं आए.
रायपुर और दूसरे एम्स में लिया प्रवेश, ऑल इंडिया कोटे से दूसरे कॉलेज गए
पहले राउंड के बाद प्रवेश की स्थिति
कॉलेज सीटें प्रवेश खाली
रायपुर 189 157 32
बिलासपुर 148 139 09
राजनांदगांव 104 99 05
जगदलपुर 104 98 06
कांकेर 104 96 08
रायगढ़ 82 77 05
बालाजी 150 75 75
रिम्स 150 55 95
शंकराचार्य 150 67 83
महासमुंद 104 99 05
दुर्ग 164 155 09
अंबिकापुर 104 98 06
कोरबा 104 98 06
कॉलेजों में कटऑफ
कॉलेज नीट स्कोर
रायपुर 675- 588
बिलासपुर 622-599
दुर्ग 596-555
राजनांदगांव 598-582
जगदलपुर 598-575
कोरबा 556-540
महासमुंद 552-536
रायगढ़ 582-566
अंबिकापुर 584-559
कांकेर 614-541
पहले राउंड में MBBS की 79.23 फीसदी सीटें भर चुकी हैं. निजी कॉलेजों में 44 फीसदी छात्रों ने प्रवेश लिया है. 450 छात्राें में अभी 197 छात्राें ने प्रवेश लिया है. पहले राउंड में MBBS की 1657 सीटों का आवंटन किया था. इसमें 1313 सीटों पर प्रवेश हो चुका है. ये सभी स्टेट के अलावा मैनेजमेंट व NRI कोटे की सीटें हैं. प्रदेश में 10 सरकारी व तीन निजी मेडिकल कॉलेज हैं. वहीं सरकारी डेंटल कॉलेज में 82 व बाकी 5 निजी कॉलेजों में 500 सीटें हैं.
इनमें आधी-आंधी सीटें स्टेट व मैनेजमेंट कोटे की है. इसकी काउंसिलिंग DME कार्यालय करवा रही है.
“रायपुर की एयर कनेक्टिविटी ज्यादातर बड़े शहरों से हैं. NEET UG में अच्छा स्कोर करने के बाद छात्र पढ़ाई के लिए मुंबई, बेंगलुरू ही नहीं चंडीगढ़, दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई चले जाते हैं.” – डॉ. सुनील खेमका, डायरेक्टर श्री नारायणा अस्पताल
“छात्रों को अच्छा कॉलेज मिलने पर वे होम टाउन के बजाय मेट्रो शहरों में भी MBBS पढ़ने जाते हैं. यही कारण है कि इस बार टॉप 10 वालों ने सरकारी कॉलेजों में प्रवेश नहीं लिया.” – डॉ. देवेंद्र नायक, चेयरमैन बालाजी मेडिकल कॉलेज