14 सितंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रायगढ़ पहुंचे. मंच पर प्रदेश सरकार की ओर से डिप्टी CM सिंहदेव थे. अपने सम्बोधन में सिंहदेव प्रधानमंत्री की तारीफ कर गए. इसके बाद प्रदेश में सियासी बवाल शुरू हो गया. लगातार आ रही प्रतिक्रियाओं के बीच अब शनिवार को सिंहदेव की सफाई सामने आई, उन्होंने अपना पक्ष ट्वीट किया.
TS सिंहदेव ने लिखा- हमारे प्रदेश, पूरे देश में सदा अतिथि सत्कार की परंपरा रही है. एक शासकीय मंच पर, प्रधानमंत्री जी की गरिमा को ध्यान में रखते हुए कुछ बातें कही गईं थी. मंच के माध्यम से मैं आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में नहीं पड़ना चाहता था. और, मेरा वक्तव्य केवल अपने विभाग की माँगों से संबंधित था.
अपने संबोधन में सिंहदेव ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि छत्तीसगढ़ की धरती पर प्रधानमंत्री जी की अगवानी करने का अवसर मिला. छत्तीसगढ़ में सर आपका बहुत-बहुत स्वागत है. केंद्र के माध्यम से ध्यान आकर्षित करके जो काम हो रहा है, हमारे संविधान के संघीय व्यवस्था में केंद्र के मार्गदर्शन में राज्य अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए सदैव काम करता रहा है.
और मैं यह कहने से भी नहीं चूकना चाहूंगा कि मेरे अनुभव में मैंने भेदभाव महसूस नहीं किया. राज्य से हम लोगों ने अगर काम किया और मांगा तो बतौर हक बतौर एक साथी केंद्र सरकार की ओर से कभी हाथ तंग नहीं रहे. (यह सुनते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों हाथ जोड़ लिए कार्यक्रम में मौजूद भीड़ भी तालियां बजती नजर आई)
रिटायर्ड IAS प्रदेश के पूर्व प्रमुख सचिव और अब भाजपा नेता गणेश शंकर मिश्रा ने कांग्रेस नेताओं को घेरा. सिंहदेव की सराहना के बाद भी कांग्रेस के नेता केंद्र सरकार पर आरोप लगाते रहे, सिंहदेव की सफाई पर मिश्रा ने कहा- सर आपने जो कहा वह तथ्य हैं! केंद्र-राज्य के बीच की वित्तीय टेक्नीकैलीटीज को गौर किया जाए, तो राज्य सरकार द्वारा मैचिंग फंड दे पाने की असमर्थता के कारण ही छत्तीसगढ़ के 16 लाख गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास से वंचित रहना पड़ा है, जिसकी ज़िम्मेदारी सरकार की वित्तीय कुप्रबंधन है. समस्या यह है कि आपके नेता को सार्वजनिक मंच पर भी कोई सच बोलें, यह नहीं स्वीकार.’
शनिवार को ही इस मामले में मीडिया ने रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल किया. सिंहदेव की तारीफ पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुस्कुराकर कहा- वो हमारे महाराज साहब हैं…. PM मोदी को लेकर भूपेश बघेल ने कहा कि मोदी आए झूठ बोलकर चले गए. उन्होंने गौठान की बात कही, 265 करोड़ का गोबर खरीदे हैं और 1300 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं. गोबर खरीदी की तो खुद प्रधानमंत्री अलग-अलग मंचों में तारीफ कर चुके हैं, नीति आयोग की बैठक में तारीफ किए हैं. PM के पद पर बैठे हैं और झूठ बोलकर जाएं तो ये आश्चर्य की बात है.