कबीरधाम जिले के मवेशियों में लंपी संक्रमण की पुष्टि हो गई है. दरअसल, बीते मई महीने में पशु चिकित्सा विभाग ने सहसपुर लोहारा से कुछ सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजा था, जिसकी रिपोर्ट आ गई है. यह रिपोर्ट पाजिटिव मिली है. दो सैंपल पाजिटिव पाए गए हैं. ये दोनों मवेशी सहसपुर लोहारा के ही है. अब तक विभाग द्वारा यही दावा किया जाता रहा है कि मवेशी में लंपी के जैसे लक्षण मिले हैं. इस बीच पुष्टि होने से हडकंप मच गया है. कबीरधाम जिले में अब हाई अलर्ट जारी है.
जानकारी अनुसार प्रदेश में कबीरधाम तीसरा जिला है, जहां मवेशियों में लंपी संक्रमण की पुष्टि हो गई है. इससे पूर्व में बेमेतरा व बस्तर जिले में इस बीमारी की पुष्टि हुई थी. वैसे इस बीमारी का लक्षण जिले के कई हिस्सों में लगातार दिखाई दे रहा है. इसमें सहसपुर लोहारा के अलावा पंडरिया ब्लॉक के बाघामुड़ा, दामापुर बाजार क्षेत्र समेत अन्य जगह शामिल हैं. लंपी की पुष्टि होने के बाद पशु पालक भी डरे हुए है.
इस बीमारी की रोकथाम को लेकर सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसकी सैंपल की जांच कवर्धा में नहीं होती. इसकी जांच के लिए भोपाल में एक ICAR की संस्था में सैपल भेजा जाता है. वहीं से ही जांच किया जाता है. वर्तमान में जिस सैंपल की रिपोर्ट आयी है, उसे 15 दिन पहले भेजा गया था. जानकारी अनुसार भोपाल में कई प्रदेश के सैंपल की जांच होती है. यही कारण है कि लेट से रिपोर्ट मिल रही है. इस देरी के चलते लंपी बीमारी का प्रकोप बढ़ सकता है, हालांकि विभाग द्वारा लंपी के लक्षण मानकर ही उपचार किया जा रहा है.
ये बीमारी गौवंश मवेशियों के सबसे खतरनाक माना जाता है, क्योंकि इस बीमारी से मौत हो सकती है. इसके रोकथाम को लेकर पशु चिकित्सा विभाग द्वारा शुरू से लापरवाही बरती गई. स्थिति तो ऐसी थी कि सहसपुर लोहारा में एक मवेशी का पीएम करने फर्जी पंचानामा तैयार कर दिया गया था. बाद में मामला सामने आने के बाद मवेशी को नगर पंचायत ने दफनाया था. जबकि इस बीमारी के लक्षण मिले मवेशी की मौत होने पर पीएम नहीं करने का प्रावधान है. वहीं पूरे जिले में शुरूआती दिनों में टीकाकरण को लेकर ध्यान भी नहीं दिया गया. अगर टीकाकरण किया जाता तो आज ये बीमारी मवेशियों में नहीं दिखाई देती व कम ही मामले सामने आते.
बीमारी की रोकथाम को लेकर पशु विभाग द्वारा लापरवाही बरती जा रही थी. इसके बाद जिला प्रशासन ने संज्ञान में लिया. जिसे बाद लक्षण वाले पशुओं को चिन्हांकित कर पशुओं के झुण्ड से अलग कराकर उपचार किया गया, जिसमें अधिकतर पशु स्वस्थ होने लगे. मिली जानकारी अनुसार जिले में लम्पी स्किन बीमारी के जैसे लक्षण प्रदर्शित करने वाले कुल 56 पशुओं को चिन्हांकित किया गया था, जिनका उपचार किया गया. उपचार के बाद 49 स्वस्थ हो गए हैं, शेष पशुओं का उपचार जारी है. पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डा. एसके मिश्रा ने बताया कि जिन क्षेत्रों में बीमार पशु पाए गए हैं वहां पशु उपचार के साथ-साथ शेड में धुआं तथा दवा का छिड़काव कराया गया है. साथ ही 5 किलोमीटर की परिधि में आने वाले सभी पशुओं का टीकाकरण पशु पालन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी द्वारा किया गया है.
विभाग का दावा है कि जिले में कुल गोवंशीय एवं भैंस वंशीय पशुओं की संख्या 3 लाख 98 हजार 768 जिनमें 1 लाख 67 हजार 863 को टीका लगाया जा चुका है, शेष पशुओं में टीकाकरण की कार्रवाई प्रगति पर है. बीमारी के बचाव के लिए कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने पुलिस विभाग, वन विभाग, खनिज विभाग, आबकारी विभाग एवं पशु पालन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को जांच के लिए निर्देशित किया गया है, ताकि अन्तरराज्यीय सीमा से बीमार पशु जिले में दाखिल न हो सके. साथ ही जिले में आयोजित पशु बाजारों में पशु पालन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को सतत् निरीक्षण एवं टीकाकरण करने के लिए निर्देशित किया गया है.
पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डा. मिश्रा ने बताया कि पशु पालन विभाग द्वारा उक्त लक्षण वाले पशुओं का ब्लड स्मीयर तथा ब्लड सीरम जांच के लिए राज्य स्तरीय रोग अन्वेषण प्रयोगशाला, रायपुर को भेजा गया है. पशु पालन विभाग द्वारा समस्त पशु पालकों से अपील की गई है कि, उक्त बीमारी से घबराएं नहीं बल्कि लक्षण पाए जाने पर नजदीकी पशु चिकित्सालय, पशु औषधालय को सूचित कर उपचार कराएं। जिले के सभी संस्थाओं में पर्याप्त आवश्यक औषधियां एवं टीकाद्रव्य उपलब्ध है. जिले में लम्पी स्किन जैसे लक्षण वाले बीमारी पूरी तरह से नियंत्रण में है.
कबीरधाम पशु चिकित्सा विभाग उपसंचालक डा.एसके मिश्रा ने बताया कि सहसपुर लोहारा से भेजे गए दो सैंपल रिपोर्ट पाजिटिव आई है. रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधित पशु पालक व क्षेत्र के पशु चिकित्सक को जानकारी दे दी गई है. लंपी बीमारी के रोकथाम को लेकर लगातार ध्यान दिया जा रहा है. लगातार टीकाकरण किया जा रहा है. राहत की बात है कि ये बीमारी कंट्रोल में है. जिन मवेशियों में लक्षण भी दिखाई दे रहे, वे जल्द से जल्द रिकवर भी हो रहे हैं.