छत्तीसगढ़ में एक युवक के पेट में गर्भाशय मिलने के बाद उसे ऑपरेशन करके निकाल दिया गया है. पुरुषों में गर्भाशय का होना रेयरेस्ट ऑफ द रेयर है. दुनियाभर में इस तरह के 300 मामले अब तक सामने आए हैं. 26 सितंबर को धमतरी के निजी उपाध्याय नर्सिंग होम में युवक का दुर्लभ ऑपरेशन हुआ. 1 अक्टूबर को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है.
युवक की पहचान को गोपनीय रखा गया है. 1 अक्टूबर को नर्सिंग होम के डॉक्टर रोशन उपाध्याय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दुर्लभ ऑपरेशन की जानकारी दी.
जानकारी के मुताबिक, कांकेर जिले के 27 वर्षीय युवक के पेट में लगातार दर्द रहता था, साथ ही उसकी दाहिनी जांघ में सूजन भी था. 25 सितंबर को परिजन उसे कांकेर से धमतरी इलाज के लिए लेकर आए. उसे यहां के उपाध्याय नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया.
डॉक्टर रोशन उपाध्याय ने युवक की कुछ जांच की, तो उसमें हर्निया का फंसा होना पाया गया. साथ ही दोनों तरफ के अंडकोष की गोली (Testes) भी नहीं थी. डॉक्टर रोशन उपाध्याय ने बताया कि इसके बाद युवक का ऑपरेशन किया गया, जिसमें उसके अंदर गर्भाशय (यूटेरस) के होने का पता चला.
युवक के पेट में गर्भाशय और नसबंदी की नली (Uterus With Cervix With Bilateral Fallopian Tubes) थी, साथ ही अंडकोष की दोनों तरफ की गोली (Testes) दायीं तरफ पेट में थी. ये एक बहुत ही दुर्लभ मामला था. तत्काल इसकी जानकारी मरीज के परिजनों को दी गई, साथ ही सभी अंग दिखाए गए.
परिजनों की अनुमति के बाद युवक के पेट के अंदर स्थित गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब को सर्जरी कर निकाला गया. साथ ही दाएं अंडकोष के Testes को पेट से निकालकर नीचे थैली में रखा गया, जिसे औरचिडोपेक्सी कहते हैं. दाहिनी तरफ के हर्निया का भी ऑपरेशन किया गया.
डॉ रोशन उपाध्याय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि इस बीमारी को परसिस्टेंट म्यूलेरियन डक्ट सिन्ड्रोम (PMDS) कहते हैं. यह जीन में म्यूटेशन परिवर्तन की वजह से होता है. इसमें पुरुष का जननांग बाह्य रूप से सामान्य होता है, लेकिन पेट के अंदर स्त्री के गर्भाशय, नली, अंडाणु पाए जाते हैं.
अब तक विश्व में इस तरह के 300 केस की पुष्टि की जा चुकी है. ये छत्तीसगढ़ का पहला मामला बताया जा रहा है. ऑपरेशन में डॉ रोशन उपाध्याय, डॉ रश्मि उपाध्याय, एनेस्थिसियोलॉजिस्ट डॉ प्रदीप देवांगन, डॉ मॉर्टिन मौजूद रहे.
ऐसे से होती है पहचान
- बच्चों के जन्म के बाद उसके अंडकोष में गोली (टेस्टेस) का नहीं पाया जाना. 2. जांघ के हिस्से में सूजन. 3. वयस्क होने के बाद बांझपन.
इस बीमारी को पर्सिस्टेंट म्यूलेरियन डक्ट सिंड्रोम कहते हैं. यह एक रेयर बीमारी है. डॉक्टरों के मुताबिक, एंटी म्यूलेरियन हॉर्मोन सिर्फ पुरुषों में ही होता है. इसकी कमी होने पर पुरुषों में फीमेल ऑर्गन डेवलप हो जाते हैं, हालांकि ऐसा बेहद कम देखने को मिलता है. दुनिया में अब तक ऐसे करीब 300 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें 8 महीने से लेकर 27 साल तक के पुरुष पेशेंट शामिल हैं. 1939 में पहला केस इंग्लैंड में सामने आया था.